भोपाल के वरिष्ठ नागरिकों को प्रदान किया गया श्री माथुर चतुर्वेदी वरिष्ठ नागरिक सम्मान

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भोपाल : 16 जून/ दूसरे दिन प्रमुख सत्रो में सेवानिवृत्त मेजर जनरल अजय चतुर्वेदी का व्याख्यान सत्र एवं परिचर्चा सत्र आयोजित हुआ जिसमें डॉ. अंजना चतुर्वेदी, डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, डॉ. अदिति चतुर्वेदी, संतोष चौबे प्रमुख रूप से शामिल होंगे। अपने मुख्य वक्तव्य में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल अजय चतुर्वेदी ने कहा कि अभिभावकों को बच्चों पर अपनी आकांक्षाएं थोपने की बजाए उनकी बात सुनने और उसके अनुसार इनेब्लिंग एंवायरमेंट बनाने की सलाह दी जिससे बच्चे अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि सबसे पहले बच्चा परिवार में सीखता है, इसके बाद स्कूल में और उसके बाद समाज में सीखता है। ऐसे में संस्कार से लेकर आत्मविश्वास देने के लिए इस एंवायरमेंट को सजग और मजबूत बनाने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने युवाओं के लिए हॉबी को अपनाने पर भी जोर दिया। हॉबी से इनोवेटिव स्किल्स बेहतर होती हैं जो उन्हें करियर में सफलता के लिए आवश्यक हैं।

डॉ. अंजना ने अपने वक्तव्य में कहा कि बच्चों के समाज से दूर होने में हम अभिभावकों की ही भूमिका रही है। अभिभावकों को बच्चों को समाज के कार्यक्रमों में जोड़ने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि यही वे जगहें हैं जहां वे अपने इतिहास, संस्कारों और रीति रिवाजों को करीब से जान सकते हैं। परंतु अक्सर परिवार के बड़ों में ही बच्चों को समाज के कार्यक्रम में लाने के प्रति वैसा उत्साह नहीं होता जैसा कि होना चाहिए।

डॉ. अदिती चतुर्वेदी वत्स ने युवाओं के अपने ट्रेडिशंस से दूर होने के ट्रेंड पर बात करते हुए कहा कि युवाओं को साइंस और लॉजिक के आधार पर वापस ट्रेडिशंस से जोड़ा सकता है। ऐसे में आवश्यकता है कि हम उन्हें बिंदी लगाने, बिछिया पहनने और अन्य रीति-रिवाजों को मानने के साइंटिफिक लॉजिक देंगे तो वे बिल्कुल इन्हें अपनाएंगे। समाज और संस्कारों से युवाओं को जोड़ने के लिए डिजिटल माध्यम कारगर साबित हो सकते हैं। आज युवा अधिकतर समय इंस्टाग्राम पर बिता रहे हैं। ऐसे में हम अपनी बात उनके रील्स के जरिए रोचक अंदाज में कहें तो वे जरूर विचार करने को मजूबर होंगे। साथ ही डॉ. अदिति ने युवाओं के लिए उद्यमिता प्रकोष्ट की जानकारी वेबसाइट के माध्यम से पहुंचाने एवं उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने वेबिनार सीरीज का सुझाव दिया।

वहीं डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने युवाओं से जुड़े कई मुद्दों को रखते हुए कहा कि आज युवाओं का पिछली पीढ़ी के साथ ट्रस्ट डिफिसिट की समस्या है। वह आसानी से अपने बुजुर्गों द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों से रिलेट नहीं कर पाता है। ऐसे में युवा अलग फ्रिक्वेंसी पर काम कर रहे हैं वहीं बड़े बुजुर्ग अलग फ्रिक्वेंसी पर। इस दूरी को कम करने के लिए युवाओं को परिवार की डिसिजन मेकिंग में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने समाज के युवाओं को सशक्त बनाने के लिए स्टार्टअप मेंटरशिप, एजुकेशन असिस्टेंस प्रोग्राम, सोशल मीडिया और एआई टेक्नोलॉजी के उपयोग का सुझाव दिया। साथ ही उन्होंने इंटर्नशिप प्रदान करने की भी बात कही। इस दौरान कार्यक्रम का सफल संचालन संतोष चौबे ने किया।

इसके अलावा कार्यक्रम में श्री माथुर चतुर्वेदी वरिष्ठ नागरिक सम्मान का आयोजन हुआ जिसमें भोपाल के वरिष्ठ नागरिको में हृदयनाथ चतुर्वेदी, हीरालाल चतुर्वेदी, डॉ. दिवाकर नाथ चतुर्वेदी, विमला चतुर्वेदी, कुमुद चतुर्वेदी को सम्मानित किया गया।

इसके बाद दोपहर के सत्र में आयोजन समिति को स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया और श्री माथुर चतुर्वेदी महासभा की कार्यकारिणी की घोषणा एवं कार्यकारिणी बैठक का आयोजन हुआ।