सागर, 19 मई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक घटनाक्रम को जिसने भी देखा, उसकी आंखें नम हो गईं। यहां के श्मशान घाट में एक बहन ने अपने इकलौते भाई को मुखाग्नि दी। इसके साथ बहन ने अंतिम क्रिया के सभी कर्मकांड भी पूरे किए।
सागर के रामपुरा वार्ड में रहने वाले संतोष रजक को लगभग दो दिन पहले ब्रेन हेम्ब्रेज हो गया। हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान रविवार को संतोष की मौत हो गई। उसके पिता का पहले ही निधन हो चुका है। बहन नीतू रजक ने अपने भाई के अंतिम संस्कार का फैसला लिया। वह अंतिम यात्रा में शामिल होकर नरयावली नाका मुक्तिधाम पहुंची।
नीतू रजक ने सनातन परंपरा के मुताबिक, तमाम रीति-रिवाज के साथ अपने भाई संतोष की अंतिम क्रियाएं कीं और मुखाग्नि दी। बताया गया है कि संतोष की दो बहने हैं। नीतू ने भाई को मुखाग्नि देने का फैसला किया और उसने अपनी इच्छा के मुताबिक अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार में जितने लोग शामिल हुए सभी की आंखें यह नजारा देखकर नम हो गईं।
आमतौर पर बेटा पिता और मां का अंतिम संस्कार करता है। पति पत्नी का अंतिम संस्कार करता है इसके अलावा कई बार बेटियों को भी पिता का अंतिम संस्कार करते देखा गया है मगर बहन द्वारा भाई के अंतिम संस्कार करने के वाकए कम ही सामने आते हैं।