मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल संघों से अच्छे शासकत्व दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की

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नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। साल 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में भारत के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राष्ट्रीय खेल संघों से अच्छे शासकत्व दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की।

इस संबंध में उन्होंने एक गोलमेज बैठक में बात की, जहां खेलों के पारिस्थितिकी तंत्र के समग्र विकास पर जोर दिया गया। बैठक में योजना, शासकत्व और अवसंरचना पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। खेल मंत्री ने कहा कि एनएसएफ के कार्यों में अधिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी की आवश्यकता है। समग्र खेल विकास के लिए 360-डिग्री दृष्टिकोण जरूरी है।

मांडविया ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी सरकार बहुत स्पष्ट है कि सभी संघों को अपने कामकाज में अच्छे शासकत्व को अपनाना होगा। चुनाव पारदर्शी होने चाहिए। अगर लोग चुनाव हार जाते हैं तो वह कोर्ट जाने की आदत डालते हैं, दूसरी ओर कई लोग अपने पदों पर चिपके रहते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे हमारे खिलाड़ियों को समस्याएं होती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि अगर हमें 2036 ओलंपिक की मेजबानी करनी है और 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में हमारे पदकों की संख्या बढ़ानी है, तो सभी हितधारकों को अपने संसाधन और प्रयास एकत्रित करने होंगे। हमें देश को पहले सोचना होगा, क्योंकि खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, न कि किसी संगठन का।

इस दौरान, सभी मान्यता प्राप्त एनएसएफ के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने अपने शासकत्व में पारदर्शिता बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की और खिलाड़ियों के लिए बेहतर माहौल बनाने में सरकार के प्रयासों की सराहना की, ताकि वह देश के लिए गौरव प्राप्त कर सकें।

मांडविया ने आगे कहा कि देश में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है बस आवश्यकता है उन्हें पहचानने और प्रत्येक स्तर पर सही मंच, उपकरण और प्रशिक्षण प्रदान करने की। खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रम इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हमारा देश विशाल है और यहां की भौगोलिक स्थिति सभी प्रकार के खेलों को बढ़ावा देती है। हमारे पास 7000 किलोमीटर से ज्यादा का तट है, जहां के शहरों और कस्बों से हम अच्छे तैराक पैदा कर सकते हैं। हमारे पास बहुत सी आदिवासी क्षेत्र हैं, जहां के बच्चे खेलों में प्राकृतिक प्रतिभा रखते हैं, जैसे तीरंदाजी। हमें इन प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए एक मजबूत प्रणाली विकसित करनी होगी।

प्रतिभा को और अधिक विकसित करने के लिए खेल मंत्री ने कॉर्पोरेट क्षेत्र से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के माध्यम से सहभागिता बढ़ाने की बात की। उन्होंने एनएसएफ से आग्रह किया कि वह अकादमी संस्कृति को प्राथमिकता दें, जिसमें निजी क्षेत्र का सहयोग प्राप्त हो, ताकि प्रतिभा विकास और कोचिंग पर ध्यान दिया जा सके।

मांडविया ने भारतीय कोचों की गुणवत्ता में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर पर भी चर्चा की और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक योजना पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने केंद्रीय सरकार के विभिन्न विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में खेल कोटा के तहत भर्ती में सरकारी अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक योजना बनाने का भी जिक्र किया।