ममता सरकार के तुष्टिकरण से बंगाल में हिंसा तो कर्नाटक में जनेऊ पर अपमान, चिंता का कारण : विनोद बंसल

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नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के लिए प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हो रही हिंसा को सरकार की शह प्राप्त है। ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति राज्य के अस्थिर हालात के लिए जिम्मेदार है।

विनोद बंसल ने कहा कि बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। राज्य में हिंसा की आग प्रशासन की मदद से भड़की हुई है और मुख्यमंत्री शांति की अपील भी सिर्फ मुसलमानों से कर रही हैं। हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर उनका रवैया पूरी तरह उदासीन है। ममता सरकार जिहादी तत्वों को उकसाने और बढ़ावा देने का काम कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करने से ममता इनकार करती हैं। यह साफ दर्शाता है कि मुख्यमंत्री जिहादी तुष्टिकरण की नीति में आकंठ डूबी हुई हैं और राज्य को बांग्लादेश बनाने का षड्यंत्र चल रहा है।

उन्होंने कहा कि बंगाल की स्थिति अब इतनी बिगड़ चुकी है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को हस्तक्षेप करना पड़ा है। राज्यपाल को खुद राजभवन से निकलकर पत्रकारों की सुरक्षा का जायजा लेना पड़ा, यह ममता सरकार के मुंह पर तमाचा है। उन्होंने मांग की कि अब केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।

विनोद बंसल ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाया है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए। गुरुवार को एक हिंदू युवक को किडनैप करके उसकी हत्या कर दी गई। यह पहली घटना नहीं है। यूएन और यूएनओ को जवाब देना होगा कि हिंदुओं पर हमलों पर उनकी चुप्पी क्यों?

कर्नाटक में परीक्षा केंद्र पर एक छात्र को जनेऊ पहनने के कारण अपमानित किए जाने की घटना को लेकर भी उन्होंने राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए। बंसल ने कहा कि जनेऊ सिर्फ ब्राह्मणों की नहीं, पूरे हिंदू समाज की पवित्र धरोहर है। मुस्लिम छात्रों को टोपी, हिजाब और बुर्का पहनने की अनुमति है, लेकिन जनेऊ को कटवाना धार्मिक घृणा का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने मांग की कि कर्नाटक सरकार इस मामले की गहन जांच कराए और हिंदू समाज से माफ़ी मांगे। इस तरह की घटनाएं हमारे धार्मिक विश्वासों पर सीधा प्रहार हैं। यह अब स्वीकार नहीं होगा। हम सरकारों को जागरूक करने के लिए ही जागरण यात्रा निकालते हैं। लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी आगे आकर हिंदुओं के अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए।