पटना, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में महागठबंधन की गुरुवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि 4 मई को घटक दलों की एक बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी।
महागठबंधन की बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में समन्वय समिति के प्रमुख और राजद नेता तेजस्वी यादव ने बताया कि 4 मई को आयोजित होनी वाली बैठक में सभी घटक दलों के प्रदेश के नेता, सांसद, विधायक, विधान पार्षद, जिला के सभी दलों के अध्यक्ष और महासचिव शामिल होंगे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शुक्रवार को पहलगाम की आतंकी घटना के विरोध में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। पटना में आयोजित कैंडल मार्च में घटक दलों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल होंगे।
बैठक शुरू होने से पहले महागठबंधन के नेताओं ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा और फिर बैठक शुरू की गई। बताया जा रहा है कि महागठबंधन की बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग समेत चुनाव प्रचार की रणनीति पर चर्चा की गई।
तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता में पहलगाम आतंकी हमले में इंटेलिजेंस को असफल बताया। उन्होंने सरकार से सवाल पूछा कि पहलगाम हाई सिक्योरिटी जोन में है और अगर हाई सिक्योरिटी जोन में आतंकवादी 20 मिनट रहते हैं तो पर्यटकों की सुरक्षा का इंतजाम क्यों नहीं किए गए? वह हाई सिक्योरिटी जोन है। अब तक कई आतंकी घटनाएं हुई हैं, कई लोगों की जानें गई हैं, इस लापरवाही की जिम्मेदारी कौन लेगा?
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि देश की सभी विपक्षी पार्टियों के खिलाफ जांच एजेंसियां लगाई जाती हैं, इन आतंकियों के खिलाफ कोई एजेंसी क्यों नहीं लगती? इंटेलिजेंस फेल है। इस बड़ी लापरवाही की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। सरहद पार से आतंकी आ रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने बिहार के श्रमिकों की हत्या की घटनाओं को अंजाम दिए, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सरहद पार से आतंकी देश में आ रहे हैं, यह देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है और बहुत बड़ा सिक्योरिटी लैप्स है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि पहलगाम की घटना को लेकर भाजपा और कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश, लोकतंत्र और मानवता के लिए घातक है, जिसकी महागठबंधन निंदा करता है।
बैठक में तेजस्वी यादव के अलावा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु एवं प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी समेत तीनों वाम दलों सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई माले के नेता मौजूद रहे।