महायुति में सीएम पद को लेकर खींचतान नहीं : शिवसेना नेता मनीषा कायंदे

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मुंबई, 27 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को बंपर जीत मिली। गठबंधन के साथी बेहद खुश हैं। मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर स्थिति बहुत जल्द साफ हो जाएगी। इस बीच शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने एकनाथ शिंदे को फिर से प्रदेश की कमान सौंपने की अपील की है। उनके मुताबिक ऐसा सभी शिवसैनिक चाहते हैं। साथ ही उन्होंने दावा किया कि सीएम पद को लेकर महायुति में कोई खींचतान नहीं है।

आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा, “इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि एकनाथ शिंदे ने अपने कार्यकाल के दौरान अपनी अद्भुत कार्यशैली से पूरे महाराष्ट्र में गहरी छाप छोड़ी है। खासकर एकनाथ शिंदे ‘माझी लाडकी बहीण योजना’ लेकर आए। इस योजना के अस्तित्व में आने से महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं। महिलाओं को लगा कि एकनाथ शिंदे हमारा भाई है। अगर एकनाथ जी हमारे बीच में हैं, तो हम सेफ हैं। यह विश्वास एकनाथ शिंदे ने अपने कार्यकाल के दौरान अर्जित किया है।”

उन्होंने कहा, “हमने कभी-भी अपनी इस भावना को नहीं छुपाया है कि एकनाथ शिंदे को फिर से सीएम पद की कमान सौंपी जानी चाहिए। उनके कार्यकाल में प्रदेश में अद्भुत विकास हुआ है, जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री पद की कमान उन्हें फिर से सौंपी जानी चाहिए। हम खुद यह पैरोकारी करते हैं कि उन्हें सीएम पद मिलना चाहिए। मुझे पूरा विश्वास है कि उन्हें इस बार विधायक दल का नेता चुना जाएगा।”

उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में हर शिवसैनिक चाहता है कि सीएम पद की कमान एक बार फिर से एकनाथ शिंदे को मिले।”

उन्होंने कहा, “मौजूदा समय में मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी भी प्रकार का खींचतान नहीं है। अगर किसी को लगता है कि महायुति गठबंधन में सीएम पद को लेकर किसी भी प्रकार की खींचतान है, तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह उसकी गलतफहमी है। उसे अपनी इस गलतफहमी को दूर कर लेना चाहिए। मैं एक बात और स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि दो तीन दिन के अंदर सीएम पद को लेकर भी बात फाइनल हो जाएगी। कभी-कभी समय लग जाता है। महायुति को स्पष्ट जनादेश मिला है। अभी मैं आपको कोई तारीख नहीं बता सकती हूं कि कब तक सीएम पद का चेहरा फाइनल कर लिया जाएगा।”

मनीषा कायंदे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर का जिक्र करने पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा, “संख्याबल के दम पर राहुल बेशक नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठ गए हो। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर उन्होंने भारत का कितना इतिहास पढ़ा है? वो भारत को कितना जानते हैं ?”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के तहत हजारों किलोमीटर तक यात्रा की। लेकिन, वो भारत के बारे में कुछ भी नहीं समझ पाए। संविधान कहता है कि चाहे वो कोई भी व्यक्ति किसी धर्म, संप्रदाय या लिंग से क्यों न हो, सभी को समान अधिकार प्राप्त है और यह समान अधिकार संविधान ने दिया है।”

उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी वीर सावरकर की बात कर रहे हैं, तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सावरकर ने हमेशा से ही सभी धर्मों के लोगों को समान दृष्टिकोण से देखा है। उन्होंने हिंदुओं के लिए पावन मंदिर रत्नागिरी में स्थापित किया। धार्मिक स्थल सभी के लिए खुले रहने चाहिए।”

उन्होंने कहा, “वीर सावरकर ने जातिवाद का खुलकर विरोध किया। सावरकर को लेकर राहुल गांधी जी ने जो चश्मा पहना हुआ है, उसे उन्हें उतार देना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “मैं उद्धव ठाकरे जी से पूछना चाहती हूं कि क्या अभी-भी आपकी आंखें खुली नहीं है। आप ऐसे नेताओं के साथ उठते बैठते हैं, जो इस तरह की बातें करते हैं। मेरा उद्धव ठाकरे जी से सवाल है कि क्या वो अभी भी राहुल गांधी का साथ देंगे।”

उन्होंने कहा, “राहुल एक अपरिपक्व नेता हैं। वो जिस तरह का बयान देते हैं, उससे साफ जाहिर होता है कि वो अपरिपक्व नेता हैं।”