नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने गुरुवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को मुस्लिम समुदाय के हित में बताया और कहा कि शाहबानो मामला देश के इतिहास में सबसे काला अध्याय था।
मिलिंद देवड़ा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान तुष्टिकरण नहीं, बल्कि सशक्तिकरण चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में सबसे काला दिन वह था, जब शाहबानो नाम की एक मुस्लिम महिला को सुप्रीम कोर्ट तक इंसाफ के लिए जाना पड़ा था, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला।
उनके मुताबिक, यह घटना मुस्लिम समुदाय के लिए नाइंसाफी का प्रतीक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज देश के मुसलमान तुष्टिकरण नहीं चाहते, बल्कि वे सशक्तिकरण और बेहतर भविष्य की ‘उम्मीद’ रखते हैं। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर शुरू में कुछ शंकाएं थीं, लेकिन अब लोगों को लगने लगा है कि यह बिल उनके हित में है।
देवड़ा ने कहा कि आने वाले समय में मुस्लिम भाई-बहन समझ जाएंगे कि इस विधेयक के जरिए सरकार उनके धर्म में दखल नहीं दे रही, बल्कि उनके लिए कुछ अच्छा करने की कोशिश कर रही है।
देवड़ा ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2014 के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर मुस्लिम, अधिक संख्या में नौकरियां हासिल कर रहे हैं।
उन्होंने कश्मीरी मुसलमानों का उदाहरण दिया, जो अब पहले से कहीं ज्यादा रोजगार पा रहे हैं। शिवसेना नेता ने कहा कि यह साबित करता है कि सरकार की नीतियां अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। वक्फ बिल को भी वे इसी दिशा में एक कदम मानते हैं।
उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन विधेयक गुरुवार तड़के लोकसभा में पास हुआ। भाजपा इसे गरीब मुस्लिमों के लिए फायदेमंद बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ करार दे रही है।