मुंबई में गुडी पड़वा कलश यात्रा के दौरान मारपीट पर संजय निरुपम ने वारिस पठान पर लगाया उकसाने का आरोप

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मुंबई, 31 मार्च (आईएएनएस)। मुंबई के मलाड में गुडी पड़वा कलश यात्रा के दौरान भगवा झंडा थामे दो युवकों से मारपीट के मामले में शिवसेना नेता संजय निरूपम ने कहा कि जब वारिस पठान जैसे लोग उकसाते हैं, तो ऐसा माहौल बनता है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे ही दादागिरी और गुंडागर्दी यूपी में पहले मोहम्मद आजम खान, मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसी लोग किया करते थे। संजय निरुपम ने कहा कि इसी प्रकार की सोच रखने वाले लोग अब सवाल उठाते हैं कि जब सड़क पर शोभायात्राएं, भंडारे और कांवड़ यात्रा निकाल सकते हैं, तो नमाज़ पढ़ने की स्वतंत्रता क्‍यों नहीं दी जानी चाहिए?उन्होंने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से हिंदू संस्कृति और परंपराएं चली आ रही हैं।

निरुपम ने इस्लाम को “आयातित धर्म” करार दिया और कहा कि भारत का मूल धर्म हिंदू धर्म है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू परंपराओं को बार-बार चुनौती देना और सड़क पर नमाज़ पढ़ने की कोशिश करना, सिर्फ हिंदू-मुस्लिम विवाद को बढ़ावा देने का कारण बनता है, जिसका नुकसान अंततः उसी पक्ष को होगा, जो इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।

संजय निरुपम ने वारिस पठान को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अपने घर या मस्जिद में नमाज़ पढ़नी चाहिए, न कि सड़क पर जबरदस्ती इसे करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर इस तरह के उकसावे जारी रहते हैं, तो स्थिति और बिगड़ सकती है और कोई भी नहीं जानता कि कब कौन और कैसे प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने कहा कि वह खुद एक शरीफ आदमी हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे संघर्षों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे समाज में और तनाव उत्पन्न हो सकता है।

निरुपम ने प्रशासन से भी आग्रह किया कि वह इस तरह की घटनाओं पर ध्यान दें और किसी भी तरह के धार्मिक उकसावे की घटनाओं को बढ़ने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं।