मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुनी जनता की समस्याएं, शीघ्र निराकरण के निर्देश

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देहरादून, 30 जून (आईएएनएस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में जनता की समस्याएं सुनीं। इस दौरान सीएम धामी ने शिकायतों के समाधान करने के  निर्देश दिए। इस दौरान आईजी गढ़वाल केएस नगन्याल, अपर सचिव संजय टोलिया, अपर जिलाधिकारी देहरादून श्री जय भारत सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 

सीएम धामी ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को जनता की समस्याओं के जल्द निराकरण के लिए सभी शिकायतों को संबंधित विभाग को भेजने और उस पर की गई कार्रवाई की जानकारी रखने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि ऐसी समस्याएं जिनका समाधान थाना, तहसील और जिला स्तर पर हो सकता है, उन्हें अनावश्यक रूप से शासन स्तर पर नहीं लाना चाहिए। सीएम ने ऐसी शिकायतों के शासन स्तर पर आने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के भी निर्देश दिए।

जन सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष लोगों ने स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, आर्थिक सहायता, विद्युत, जमीन से संबंधित मामलों और अन्य समस्याएं रखीं। सीएम ने समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को नियमित रूप से तहसील दिवस और बीडीसी की बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने सभी वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और जिलाधिकारियों को प्रत्येक कार्य दिवस में एक घंटा जन समस्याओं को सुनने का निर्देश दिया।

इसके अलावा सीएम धामी ने क्लेमेंटाउन के बौद्ध मठ में प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ के 111वें संस्करण को सुना। इस दौरान विधायक विनोद चमोली, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की बात कही और विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की। उन्होंने प्रदेश की जनता से इस मानसून सीजन में अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन में अपना योगदान देने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित तिब्बती समुदाय के लोगों से भी अनुरोध किया कि वे वृक्षारोपण और जल संचय के अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभाएं और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने योग को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का कार्य किया है। 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अनेक देशों में योग के बड़े कार्यक्रमों का आयोजन हुआ और दुनिया भर में योग करने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।