पटना, 1 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार के आगामी जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने के फैसले को लेकर गुरुवार को बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिहार सरकार और बिहार भाजपा की ओर से बधाई और धन्यवाद दिया। उन्होंने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जातियों की गणना का निर्णय इस बात को दर्शाता है कि वर्तमान एनडीए सरकार देश और समाज के हितों और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था कि हम जातीय जनगणना को लेकर कैबिनेट में विचार करेंगे। लेकिन, बाद में उसी सरकार के मंत्री पी. चिदंबरम ने इसका विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी ने जातीय जनगणना का हरदम विरोध किया था। इस बीच कई राज्य सरकारों ने जातीय सर्वे कराने का काम किया। बिहार में 2019-20 में एनडीए की सरकार में दोनों सदनों ने जातीय गणना कराने की सिफारिश केंद्र सरकार से की गई थी। 2021 में सर्वदलीय टीम ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। जून 2022 में जब भाजपा सरकार में शामिल थी, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह पर भाजपा के सभी मंत्रियों ने कैबिनेट में कहा कि बिहार में जातीय सर्वे हो।
उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस और राजद के जातीय जनगणना के श्रेय लेने पर निशाना साधते हुए कहा, “आज कुछ लोग पटाखा छोड़ रहे हैं और मिठाइयां खिला रहे हैं। चार सदस्यों वाली पार्टी लोकतंत्र को मजाक समझती है क्या? 99 सांसद वाली पार्टी भी कह रही है कि हमारे दबाव में सरकार ने यह निर्णय लिया।”
उन्होंने कहा कि क्या ये एनडीए के सहयोगी दल हो गए हैं? प्रधानमंत्री अब जो भी फैसला लेंगे, राजद इसी तरह पटाखा छोड़ने का काम करेगी, तब तो भाजपा स्वागत करेगी। अब लगता है पीएम मोदी के सभी फैसले का तेजस्वी यादव और राहुल गांधी समर्थन देंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद के लोग सिर्फ थोथी दलील दे रहे हैं। उनके पास कोई काम नहीं है। ये लोग राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं। ये काम नहीं करने वाले लोग हैं। सामाजिक न्याय जनता के बीच काम करने से होता है।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ‘बिहार का नव निर्माण, 20 साल विकास के, बदलते बिहार के’ शीर्षक पुस्तक को भी लॉन्च किया। इसमें 20 साल के नीतीश कुमार सरकार के विकास कार्यों का ब्योरा है।