यश जौहर: आर्थिक तंगी से जूझा धर्मा प्रोडक्शन तो बेटे करण ने संभाली थी कमान, इस फिल्म ने रचा इतिहास

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नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। लाइट, कैमरा और एक्शन… इन तीन शब्दों के पीछे जो मेहनत होती है, उसका फल भारत में हर फ्राइडे को मिलता है। बॉलीवुड की फिल्में इसी दिन रिलीज होती हैं। एक लेखक फिल्म की कहानी रचता है और एक डायरेक्टर उसे बनाने का काम करता है। लेकिन, इन सबके लिए चाहिए होता है पैसा, जो आता है प्रोड्यूसर से। आज हम एक ऐसी ही प्रोड्यूसर के बारे में बताएंगे, जिनकी फिल्में हिंदी सिनेमा के इतिहास में अमर हो गई।

हम बात कर रहे हैं धर्मा प्रोडक्शन की नींव रखने वाले बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता यश जौहर की। 6 सितंबर 1929 को लाहौर के एक पंजाबी परिवार में जन्में यश जौहर किसी परिचय के मोहताज नहीं है। डायरेक्ट और प्रोड्यूसर करण जौहर के पिता यश जौहर ने अपनी फिल्मों के जरिए बॉलीवुड में खुद को स्थापित किया। उनकी फिल्मों में भव्य सेट, विदेशों की शानदार लोकेशन और भारतीय परंपराओं का मिश्रण ही उनकी खासियत थी।

यश जौहर ने 1950 के दशक में एक फोटोग्राफर के तौर पर अपने करियर का आगाज किया। साल 1951 में आई फिल्म बादल से उन्हें ब्रेक मिला। इसके बाद उन्होंने शशधर मुखर्जी की प्रोडक्शन कंपनी फिल्मिस्तान के लिए फिल्म लव इन शिमला (1960) में प्रोडक्शन एग्जीक्यूटिव के रूप में काम किया। बाद में वह सुनील दत्त के प्रोडक्शन हाउस अजंता आर्ट्स में शामिल हो गए। वह देव आनंद की नवकेतन फिल्म्स के साथ जुड़े। उन्होंने “ज्वेल थीफ”, “प्रेम पुजारी” और “हरे रामा हरे कृष्णा” जैसी फिल्मों का प्रोडक्शन संभाला।

यहीं से उनकी किस्मत पलटी और साल 1976 में यश जौहर ने धर्मा प्रोडक्शन की नींव रखी। धर्मा प्रोडक्शन में उन्होंने पहली फिल्म बनाई ‘दोस्ताना’। एक्टर अमिताभ बच्चन और सलीम-जावेद की लिखी इस फिल्म को दर्शकों का बॉक्स ऑफिस पर खूब प्यार मिला और ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई।

इसके बाद धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले दुनिया (1984), अग्निपथ (1990), गुमराह (1993) और डुप्लिकेट (1998) जैसी फिल्में बनाई गई। हालांकि, उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ा, लेकिन इस मुश्किल के दिनों में उनके बेटे करण जौहर ने कंपनी की कमान संभाली और उनके प्रोडक्शन ने “कुछ कुछ होता है” फिल्म बनाई।

इस फिल्म को उनके बेटे करण जौहर ने डायरेक्ट किया था। शाहरुख खान, काजोल, रानी मुखर्जी और सलमान खान स्टारर फिल्म को दर्शकों का प्यार मिला और यह फिल्म घरेलू और विदेशी बाजार में कमाई करने वाली सबसे बड़ी हिट फिल्मों में शुमार हो गई।

इसके बाद “कभी खुशी कभी गम”, “फिर भी दिल है हिंदुस्तानी” और “कल हो ना हो” जैसी फिल्में बनाईं। “कल हो ना हो” यश जौहर की आखिरी फिल्म थी। उन्होंने शादी फिल्म निर्माता बीआर चोपड़ा और यश चोपड़ा की बहन हीरू जौहर से की थी। फिल्म इंडस्ट्री का लगभग हर शख्स यश जौहर के स्वभाव का कायल था। 26 जून 2004 को उनका मुंबई में निधन हो गया।