यह ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का बिल नहीं, बल्कि ‘वन नेशन, नो इलेक्शन’ का बिल है : नाना पटोले

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मुंबई, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को कहा कि संसद में पेश ब‍िल ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का नहीं, बल्कि यह ‘वन नेशन, नो इलेक्शन’ का बिल है। ये लोग लोकतंत्र की व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं। हालांकि, हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व इस ब‍िल पर विस्तारपूर्वक चर्चा करेगा।

उन्होंने कहा, “इस बिल के जरिए यह सरकार लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। देश को बर्बाद करना चाह रही है। अगर देश में केवल एक चुनाव होने की बात की जाती है, तो इसका मतलब होगा कि चुनावों की प्रक्रिया को केंद्रीकरण की ओर मोड़ा जा रहा है। यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में बार-बार चुनाव होते रहना आवश्यक है, क्योंकि यह देश की जनता को अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार देता है।”

उन्होंने कहा, “यह प्रस्ताव तभी संभव हो सकता था, जब चार राज्यों के चुनाव एक साथ होते, लेकिन जब सरकार चार राज्यों के चुनाव एक साथ नहीं करवा पा रही है और दो चरणों में चुनाव करवा रही है, तो ऐसे में यह सवाल उठता है कि सरकार इसे लागू कैसे करेगी। दरअसल, यह सब एक प्रकार का षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करना और संविधान की व्यवस्था को बदलना है।”

उन्होंने कहा, “सरकार का यह कदम लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है, जहां जनता को अपने नेताओं को चुनने का अधिकार है। जो मशीनें चुनावों के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं, उनका खर्च भी बहुत बढ़ चुका है और इन मशीनों को सही तरीके से इस्तेमाल करने में भी कई समस्याएं आ रही हैं। इससे साफ दिखता है कि सरकार इस बदलाव को लागू करने में असफल हो रही है।”

बता दें कि भाजपा लगातार ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की पैरोकारी कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस कदम को देश के संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ बता रही है।