लखनऊ, 28 फरवरी (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले सात वर्षों में प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या दोगुनी हुई है। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की मेहनत की वजह से मातृ एवं शिशु मृत्युदर में 2014 के सापेक्ष कमी आई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के अनुसार, 2014 में प्रदेश में मातृ मृत्युदर 285 प्रति लाख थी, जो घटकर 167 पर आ गई है। वहीं, शिशु मृत्युदर 2014 में 48 प्रति हजार थी, जो घटकर 38 प्रति हजार हो गई है।
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को लोकभवन में मिशन रोजगार के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में 3,077 नवचयनित आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। साथ ही 173 करोड़ रुपये की लागत से 31 जनपदों में 1,459 आंगनवाड़ी केंद्र भवनों का शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, एएनएम और आशा वर्कर ने संक्रमित लोगों की सेवा की। इन फील्ड वर्कर्स से कोरोना संक्रमितों की स्क्रीनिंग करने के साथ ही उन्हें दवा उपलब्ध कराने का कार्य किया था। यही वजह रही कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को रोकने में सरकार को सफलता मिली।
सीएम योगी ने कहा कि आज प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से कोई मौत नहीं होती है। इसके पीछे उत्तर प्रदेश के फील्ड कर्मियों की मेहनत है, जिनका कार्य आज देश में मॉडल बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकत्री यशोदा मइया की तरह हैं, जिस तरह से लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण का पालन माता यशोदा ने किया था, उसी तरह प्रदेश के प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्र में आंगनवाड़ी कार्यकत्री हजारों बच्चों का पालन कर रही हैं। यह वही उत्तर प्रदेश है, वही विभाग हैं, वही लोग हैं, लेकिन पिछले सात वर्ष में प्रदेश की तस्वीर बदली है। हर क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आया है, जो किसी से छुपा नहीं है।
सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार प्रदेश के अंदर आंगनवाड़ी केंद्र और महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से हर एक विकासखंड स्तर पर क्वालिटी रेसिपी केंद्र विकसित कर रहे हैं। पहले चरण में ऐसे 204 ऐसे केंद्र विकसित किए जाएंगे। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही उत्तर प्रदेश के अंदर गुणवत्तापूर्ण भोजन और पोषाहार मिल पाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि बचपन को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी इन्हीं पर है। अगर बचपन स्वस्थ होगा तो जवानी स्वस्थ होगी और जवानी स्वस्थ होगी तो समाज उसकी प्रतिभा और उसकी क्षमता का भरपूर लाभ ले पाएगा।