यूपी विधानसभा में आरक्षण मुद्दे पर हंगामा, सपा ने किया वाकआउट

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लखनऊ, 6 फरवरी (आईएएनएस)। चिकित्सा संस्थानों में आरक्षण नियमों की अवहेलना को लेकर विधानसभा में मंगलवार को सरकार और सपा सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोक हुई। बाद में इसी मुद्दे पर सपा सदस्यों सरकार पर आरक्षण विरोध होने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया।

सपा के वरिष्ठ सदस्य लालजी वर्मा और डाॅॅ. रागिनी ने चिकित्सा संस्थानों में आरक्षण नियमों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया। जवाब में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि किसी भी तरह नियुक्तियों में संविधान के तहत आरक्षण नियमों की अनदेखी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रदत्त अधिकारों के तहत नियमों के तहत आरक्षण नियमों का पालन किया जा रहा है।

डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा के सदस्य इस तरह के मुद्दे सुर्खियों में रहने के लिए उठाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि संसद में आरक्षण और महिला आरक्षण बिल की प्रतियां फाड़ने वाले सपा के सदस्य आज आरक्षण की बात कर रहे हैं। सपा को एक जाति और एक परिवार की पार्टी बताते हुए पाठक ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में आरक्षण नियमों की अवहेलना किए जाने के संबंध में जांच हो रही है।

उन्होंने सपा सदस्यों को याद दिलाया कि 2012 से 2017 के बीच एक आयोग को जाति विशेष का आयोग बन गया था। डिप्टी सीएम के साथ ही संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने इस मुद्दे पर सपा को कठघरे में खडा किया। उन्‍होंने कहा कि उनकी सरकार संवैधानिक आरक्षण दिए जाने की पक्षधर है। इससे पहले प्रश्‍न प्रहर में खन्ना ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में जनवरी, 2022 से 18 दिसंबर 2023 तक साइबर अपराध की 21600 घटनाएं हुईं और उनमें से 12777 अपराधों की जांच पूरी कर 7094 अपराधी जेल भेजे गए हैं। अब तक विभिन्न माध्यमों से कुल 22484 पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। पुलिस की नई भर्ती के कुल 167917 पुलिस अधिकारिया कर्मचारियों को भी साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है।

खन्ना प्रश्‍न प्रहर में सपा के सदस्य महेन्द्र नाथ यादव द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। इसी प्रहर में प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर चयन एवं नियुक्ति की कार्यवाही उप्र बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली-1981 (अद्यतन संशोधित) में निर्धारित शैक्षिक प्रशिक्षण अर्हताधारी अभ्यर्थियों के लिए जनपद स्तर पर गठित जनपदीय चयन समिति के माध्यम से सम्पादित की जाती है।

यह जानकारी प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अतुल प्रधान सहित सपा के अन्य सदस्यों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी। इसी के साथ उन्‍होंने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 417886 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के 85152 पद रिक्त हैं। प्रश्‍न प्रहर में ही संसदीय कार्य मंत्री खन्ना ने सपा के सदस्य सचिन यादव द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में खेल विभाग द्वारा प्रख्यापित उप्र अंतर्राष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली, 2022 के अन्तर्गत अंतर्राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को राज्य सरकार की सेवा में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति प्रदान किये जाने के लिए विभिन्न विभागों के अन्तर्गत 24 पद चिन्हित किए गए हैं।

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि चिन्हित पदों के सापेक्ष 5 खिलाड़ियों को पुलिस उपअधीक्षक, 2 खिलाड़ियों को जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी, 1 खिलाड़ी को यात्रीकर मालकर अधिकारी एवं 2 खिलाड़ियों को नायब तहसीलदार, के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है।

सपा के सदस्य राजेन्द्र प्रसाद चौधरी द्वारा पूछे एक सवाल के जवाब में जलशक्ति मंत्री स्‍वतंत्र देव सिंह ने बताया कि सरयू नहर परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत पूर्ण कराई गई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत परियोजनाओं के लिए निर्गत गाइड लाइन्स दिनांक 7.2.2022 के प्रस्तर-5.9 अनुसार परियोजना के 90 प्रतिशत या अधिक कार्य पूर्ण होने तथा परियोजना लाभों के प्राप्त कर लेने की स्थिति में परियोजना को पूर्ण माना जा सकता है। सरयू नहर परियोजना के अन्तर्गत 98 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने एक सवाल के जवाब में बताया कि डीएलएड के जितने भी कालेज हैं, जिन्‍हें पूर्व में मान्यता दी गई है, उन्‍हें 2024-25 में संबद्वता प्रदान की जा रही है। यह जानकारी उन्‍होंने सपा के सदस्य मनोज कुमार पांडेय के सवाल के जवाब में दी। सपा की सदस्य पिंकी यादव के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 12 हजार 279 बेसिक विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई शुरू कराई गई थी। लेकिन नई शिक्षा नीति के विद्यार्थियों का मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर दिया गया है। इसलिए अभी और अन्य परिषदीय विद्यालयों मातृभाषा में पढाए जाने पर सहमति बनी है।

उन्होंने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस के लिए टैबलेट और स्मार्टफोन दिया जा रहा है। सपा सदस्य डॉ. रागिनी के सवालों का जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक राज्यकर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते हैं, इसलिए उन्हें राज्यकर्मचारियों की भांति कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं दी जा सकती, लेकिन उनके प्रिमियम आधारित बीमा की योजना पर विचार चल रहा है।

गर्भवती महिला शिक्षकों को उनके गृह जनपद में नियुक्ति के सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री खन्ना ने कहा कि मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि महिला शिक्षकों के अनुरोध पर ही 16 हजार महिला शिक्षकों को उनके मनचाहे जिले में तैनाती की गई है। सपा विधायक डाॅ् संग्राम सिंह यादव के सवालों का जवाब देते हुए खन्ना ने कहा कि संविदा कर्मियों की तैनाती के लिए जेम पोर्टल के माध्यम से चयन किया जाता है और कोई भी सेवा प्रदाता एजेंसी किसी संविदाकर्मी को निकाल नहीं सकती। उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों को नियमित करने की व्यवस्था नहीं है।