नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्रालय ने एक फर्जी व्हाट्सएप चैनल की पहचान की है और लोगों को इस चैनल के प्रति सतर्क रहने को कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि एक फर्जी व्हाट्सएप चैनल ‘डिफेंस पीआरओ’ होने का दावा कर रहा है। इस चैनल का किसी भी सशस्त्र बल या रक्षा मंत्रालय से कोई संबंध नहीं है।
रक्षा मंत्रालय का यह भी मानना है कि चैनल शरारती और संभवतः राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा चलाया जा रहा है, जिनका लक्ष्य चैनल से जुड़ने पर आपकी संपर्क जानकारी एकत्र करना और झूठी जानकारी फैलाना है।
रक्षा मंत्रालय ने अलर्ट जारी करने के साथ ही कहा है कि इस चैनल से न जुड़ें और न ही कोई जानकारी साझा करें। गलत सूचनाओं के प्रति सतर्क रहें और खुद को दुष्प्रचार से बचाएं। सावधान रहें, सुरक्षित रहें, फर्जी खबरें रोकें। डिफेंस पीआरओ नामक इस फर्जी व्हाट्सएप चैनल ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि भारतीय सेना ने गलत सूचनाओं से निपटने के लिए सोशल मीडिया अधिकारी की नियुक्ति की है। इसमें कहा गया था कि भारतीय सेना को गलत सूचना और मानहानि से निपटने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर सीधे टेकडाउन नोटिस जारी करने का अधिकार दिया गया है। इस कार्य के लिए रणनीतिक संचार के अतिरिक्त महानिदेशक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
फर्जी व्हाट्सएप चैनल पर कहा गया है कि यह बदलाव सेना को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पर भरोसा किए बिना गैरकानूनी सामग्री को स्वतंत्र रूप से संबोधित करने में सक्षम बनाता है, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया के लिए प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो जाती है। यह कदम सार्वजनिक धारणा में सोशल मीडिया के बढ़ते महत्व को उजागर करता है और अपनी डिजिटल प्रतिष्ठा को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए सेना की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
इसमें कहा गया है कि सक्रिय कदम उठाकर, सेना का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि तेजी से जटिल सूचना परिदृश्य में उसके हितों की रक्षा की जाए।
हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि यह पूरा मैसेज और चैनल फर्जी है। इसे फर्जी व्हाट्सएप चैनल बताते हुए उसने लोगों को इस चैनल से न जुड़ने की सलाह दी है।