नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। रूसी संघ सरकार के अंतर्गत आने वाली फाइनेंशियल यूनिवर्सिटी के छह सदस्यीय शिक्षाविद मंगलवार को दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया पहुंचे। फाइनेंशियल यूनिवर्सिटी ने जामिया मिलिया इस्लामिया के साथ साझेदारी की इच्छा व्यक्त की है।
गौरतलब है कि भारत विदेशी उच्च शिक्षण संस्थाओं को देश में अपना कैंपस स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। ऐसे में रूस की फाइनेंशियल यूनिवर्सिटी का यह जामिया दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
रूसी प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जामिया के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ से कुलपति कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान जामिया और रूस के विश्वविद्यालय के बीच सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा की गई। रूस के इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रूस के प्रोफेसर (डॉ.) स्टैनिस्लाव प्रोकोफिव कर रहे थे। उनके अलावा इस प्रतिनिधिमंडल में रेक्टर, रूसी संघ के सम्मानित अर्थशास्त्री, रूसी संघ के द्वितीय श्रेणी के पूर्ण परामर्शदाता और रूसी संघ के सम्मानित वैज्ञानिक शामिल रहे।
जामिया विश्वविद्यालय के मुताबिक रूस के इस प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल ने भारत के जामिया मिलिया इस्लामिया के साथ साझेदारी स्थापित करने में अपनी गहरी अभिरुचि व्यक्त की है।
विश्वविद्यालयों की राष्ट्रीय रैंकिंग में जामिया मिलिया इस्लामिया देश का तृतीय अग्रणी विश्वविद्यालय है। रूस के विश्वविद्यालय ने जामिया मिलिया इस्लामिया के साथ साझेदारी स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की है, क्योंकि यह उनके फाइनेंशियल यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीयकरण रणनीति के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक उद्देश्य है।
जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक रूसी प्रतिनिधिमंडल की यात्रा का उद्देश्य संभावित सहयोग पहलों की आधारशिला रखना था। जिन्हें आने वाले समय में एक साथ क्रियान्वित किया जा सकता है।
जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ का कहना है कि इस अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करना उनके लिए सम्मान की बात है। जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति ने आशा व्यक्त की है कि दोनों पक्षों द्वारा की गई फलदायी चर्चा भविष्य में सक्रिय सहयोग की ओर ले जाएगी।
चर्चा के दौरान रूसी प्रतिनिधिमंडल को जामिया के प्रो. मुकेश रंजन ने एमएमएजे अंतरराष्ट्रीय अध्ययन अकादमी की प्रोफेसर रश्मि दुरैईस्वामी के साथ जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना, इसकी समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसकी वर्तमान प्रतिष्ठित स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उनकी इस प्रस्तुति के उपरांत विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालने वाली एक फिल्म भी रूस के प्रतिनिधियों को दिखाई गई।