वक्फ कानून वैधानिक प्रक्रिया से पारित हुआ, औचित्य की समीक्षा का अधिकार सुप्रीम कोर्ट को : जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार

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पटना, 16 अप्रैल (आईएएनएस)। वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर देश की शीर्ष अदालत में बुधवार को अहम सुनवाई होनी है। सुनवाई से पहले जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने स्पष्ट किया कि संसद ने लोकतांत्रिक तरीके से इसे पारित किया है और अब सुप्रीम कोर्ट के पास ही इसके औचित्य की समीक्षा का अधिकार है।

नीरज कुमार ने कहा कि वक्फ संशोधन अधिनियम को संसद ने विधिवत पारित किया है। इसके पूर्व इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था, जहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से कोई औपचारिक आपत्ति या प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी ने ईमेल से अपनी राय दी हो तो उसकी जानकारी उन्हें नहीं है, लेकिन लिखित और विधिवत आपत्ति नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, “यह अधिनियम पूरी तरह से संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए संसद से पारित हुआ है और अब इसके औचित्य की समीक्षा का अधिकार केवल सुप्रीम कोर्ट को है।”

जेडीयू प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जब कोई कानून संसद से पारित हो जाता है, तो उसे चुनौती देने का एकमात्र मंच सुप्रीम कोर्ट होता है और यही लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बुनियाद है। उन्होंने कहा कि जो लोग लोकतांत्रिक मूल्य प्रणाली पर भरोसा रखते हैं, उन्हें अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करना चाहिए।

अपने बयान में नीरज कुमार ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी आज जिस कांग्रेस के दरबार में हाजिर हो रहे हैं, उसी कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नकार दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में तेजस्वी यादव को खुद को सीएम चेहरा घोषित करने का सपना भी अधूरा रह गया और गठबंधन में उनकी आवाज को दरकिनार कर दिया गया है। नीरज कुमार ने चुटकी लेते हुए कहा कि डेढ़ महीने पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी, लेकिन अब तो गठबंधन के घटक दल भी इसके लिए तैयार नहीं हैं।

अंत में नीरज कुमार ने कहा कि बिहार की जनता ने मन बना लिया है और आने वाले चुनाव में एनडीए को फिर से 25 से 30 सीटें मिलेंगी, जिससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास यात्रा को मजबूती मिलेगी।