नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन विधेयक), 2024 पेश किया। विधेयक पर तमाम मुस्लिम संगठनों ने प्रतिक्रिया जताई है।
नई दिल्ली स्थित दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया के सज्जादानशीन और दरगाह प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सैयद फरीद अहमद निजामी ने कहा, “मौजूदा विधेयक में कुछ खामियां हैं, और सभी संशोधन सही नहीं हैं। कुछ तकनीकी पहलू हैं, जिन पर सरकार को पुनर्विचार करने की जरूरत है। हम खुद पारदर्शिता चाहते हैं। हम यहां तक सुन रहे हैं कि सरकार वक्फ को खत्म कर देगी। हम सरकार से कुछ स्पष्टीकरण भी चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि पारदर्शिता बनी रहेगी।”
वहीं इंडियन सूफी फाउंडेशन के अध्यक्ष कशिश वारसी कहते हैं, “वक्फ संशोधन विधेयक तीन तलाक कानून में सुधार के समान है। जिस तरह उस सुधार से महिलाओं को फायदा हुआ और घरों को टूटने से बचाया गया, उसी तरह यह विधेयक दरगाहों को अतिक्रमण से बचाएगा। वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों के हित में हैं।”
वहीं ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”वक्फ बोर्ड के हितों को लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड इसका पूरा समर्थन करेगा। लेकिन, जब वक्फ बोर्ड में संशोधन की बात आएगी, तो शिया पर्सनल लॉ बोर्ड इसका विरोध करेगा।”
बीजेपी नेता दानिश इकबाल ने वक्फ बोर्ड एक्ट संशोधन बिल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”मैं बड़े विश्वास से कहना चाहता हूं कि सरकार वक्फ कानून और वक्फ एक्ट में बदलाव लाएगी। इससे निश्चित तौर पर आम जनता लाभान्वित होगी। भारत में रेलवे और सेना के बाद सबसे ज्यादा संपत्ति वक्फ के पास थी, लेकिन इसका दुरुपयोग किया गया। केंद्र सरकार इस दुरुपयोग को दूर करने के प्रावधानों पर काम कर रही है और एक बार बदलाव होने के बाद फायदा जरूर होगा।”
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में बिल के पक्ष में बोलते हुए कहा कि, “इस बिल से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होता। किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए। यह बिल उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है, जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले। विपक्ष मुसलमानों को गुमराह कर रहा है। कल रात तक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल मेरे पास आए। कई सांसदों ने मुझे बताया है कि माफियाओं ने वक्फ बोर्डों पर कब्जा कर लिया है। कुछ सांसदों ने कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से इस विधेयक का समर्थन करते हैं, लेकिन अपनी राजनीतिक पार्टियों के कारण ऐसा नहीं कह सकते। हमने इस विधेयक पर देश भर में बहुस्तरीय विचार-विमर्श किया है।”