नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट इंडिया के लिए पीएम युवा उपलब्धि छात्रवृत्ति पुरस्कार योजना (पीएम-यशस्वी) लागू की है। इस योजना का उद्देश्य ओबीसी, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग और विमुक्त जनजातियों (डीएनटी) के छात्रों को उनके प्रारंभिक वर्षों के दौरान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से उनका उत्थान करना है। केंद्र के मुताबिक, यशस्वी प्रवेश परीक्षा उम्मीदवार चयन का आधार है, जो एनटीए द्वारा आयोजित की जानी है। इसके लिए ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी छात्र आवेदन कर सकते हैं जिनकी कुल वार्षिक पारिवारिक आय ढाई लाख रुपये या उससे कम है। पात्र छात्र राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक पीएम यशस्वी योजना में डॉ. अंबेडकर पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, डीएनटी के लिए डॉ. अंबेडकर प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शामिल है। प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नौवीं और दसवीं के छात्रों के लिए तैयार की गई है। यह ढाई लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों को 4,000 रुपये का वार्षिक शैक्षणिक भत्ता प्रदान करती है। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में इसके क्रियान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 32 करोड़ 44 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की सहायता करती है। इसमें पाठ्यक्रम की श्रेणी के आधार पर 5,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक शैक्षणिक भत्ते प्रदान किए जाते हैं। इस योजना के लिए चालू वित्त वर्ष में 387 करोड़ 27 लाख रुपये जारी किए गए हैं।
योजना का व्यापक लक्ष्य इन कमजोर समूहों के बीच शैक्षिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है, जिससे उन्हें वित्तीय बाधाओं को दूर करने और अपनी शिक्षा पूरी करने में मदद मिल सके। यह पहल न केवल व्यक्तिगत शैक्षणिक विकास को बढ़ावा देती है बल्कि अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज बनाने के व्यापक दृष्टिकोण में भी योगदान देती है।
योजना के अंतर्गत छात्र कक्षा 9 से 10 तक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति और पोस्ट-मैट्रिकुलेशन या पोस्ट-सेकेंडरी स्तर पर अपने उच्च अध्ययन के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकते हैं। अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को ‘टॉप क्लास स्कूल एजुकेशन’ और ‘टॉप क्लास कॉलेज एजुकेशन’ की योजना के अंतर्गत टॉप क्लास स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिलती है। ‘ओबीसी लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास निर्माण योजना’ के अंतर्गत ओबीसी छात्रों को छात्रावास की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
इसके अतिरिक्त टॉप क्लास स्कूल और कॉलेज शिक्षा योजनाएं ओबीसी, ईबीसी और डीएनटी श्रेणियों के मेधावी छात्रों का समर्थन करने के लिए तैयार की गई हैं। ये कार्यक्रम ट्यूशन फीस, छात्रावास खर्च और अन्य शैक्षणिक लागतों को शामिल करते हैं। स्कूली छात्र (कक्षा 9-12) सालाना सवा लाख रुपये तक के वित्त पोषण के लिए पात्र हैं। शीर्ष संस्थानों में कॉलेज के छात्रों को ट्यूशन, रहने का खर्च और शैक्षिक सामग्री सहित पूर्ण वित्तीय सहायता मिलती है। शिक्षा तक पहुंच को और बढ़ाने के लिए ‘ओबीसी लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावासों का निर्माण’ योजना के तहत 2023-24 में 12.75 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसका उद्देश्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े छात्रों को सरकारी स्कूलों और संस्थानों के निकट आवास उपलब्ध कराना है। जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित हो सके।