नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने गुरुवार को सैन्य उपकरणों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर जोर दिया है।
वायु सेना प्रमुख ने महाराष्ट्र के नागपुर में एयरफोर्स की मेंटेनेंस कमांड कमांडर्स कॉन्फ्रेन्स को संबोधित करते हुए कहा कि हमें उपकरणों के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करनी होगी। वायु सेना की क्षमता को और अधिक मजबूत करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी और प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
यह दो दिवसीय कॉन्फ्रेन्स 23 अप्रैल को नागपुर के वायु सेना नगर में अनुरक्षण कमान मुख्यालय में प्रारंभ हुई थी।
हाइब्रीड प्रणाली से आयोजित सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को वायु सेना प्रमुख ने इसकी अध्यक्षता की। अनुरक्षण कमान मुख्यालय के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल विजय कुमार गर्ग ने उनका स्वागत किया। मेंटेनेंस कमांड कमांडर्स कॉन्फ्रेन्स का मुख्य विषय ‘भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमता में बढ़ोत्तरी करने के लिए रखरखाव क्षमता और क्षमता में वृद्धि’ था।
सम्मेलन में आत्मनिर्भरता, स्वदेशीकरण और महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के दीर्घकालिक रखरखाव पर जोर दिया गया। वायु सेना प्रमुख को अनुरक्षण कमान के उपक्रमों से अवगत कराया गया। वायु सेना के मुताबिक इसका उद्देश्य विदेशी ओईएम पर निर्भरता को कम करना, सैन्य प्रणालियों की विश्वसनीयता को बढ़ाना, जीवन विस्तार अध्ययन और नवाचार करना है।
एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने भारतीय वायु सेना की परिचालन तत्परता और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाने की बात कही। उन्होंने इस दिशा में उठाए गए कदमों और मेंटेनेंस कमांड के महत्वपूर्ण योगदान को सराहा। आत्मनिर्भर भारत के लिए अनुरक्षण कमान के कार्मिकों के प्रयासों को देखते हुए उन्होंने इन सभी कर्मियों की भी सराहना की। समावेशी विकास और परिवर्तनकारी सुधारों पर जोर देते हुए, वायु सेना प्रमुख ने अनुरक्षण कमान मुख्यालय के अधीनस्थ यूनिटों के कमांडरों को सक्रिय रूप से विदेशी ओईएम पर निर्भरता कम करने को कहा।
वायु सेना प्रमुख ने परिचालन क्षमता को अधिकतम करने के लिए स्वदेशी क्षमता को बढ़ाने के लिए वायु सेना के कमांडर्स को प्रोत्साहित किया। इस सम्मेलन के दौरान एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ अनुरक्षण कमान मुख्यालय द्वारा उत्कृष्टता के संबंधित क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ घोषित यूनिटों को ट्रॉफियां प्रदान की गईं।