वाराणसी, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा के पानी को साफ बनाने के लिए नदी में गिरने वाले सभी नालों को बंद किया जाएगा। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने शनिवार को यहां सर्किट हाउस में नमामि गंगे योजना की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिया।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि दिसंबर 2024 तक वाराणसी में गंगा का पानी स्वच्छ दिखाई देने लगेगा। इसके अलावा शहर के जिन इलाकों में अभी तक सीवरेज लाइन नहीं बिछाई गई है। उन इलाकों में सीवरेज लाइन बिछाने के निर्देश भी नगर निगम के अधिकारियों को उन्होंने दिए।
उन्होंने नगर विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में सीवरेज और ड्रेनेज की जितनी भी कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाए जिससे गंगा को स्वच्छ बनाया जा सके। इसके लिए उन्होंने दिसंबर तक की डेडलाइन अधिकारियों को दी है।
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि 2025 की शुरुआत में महाकुंभ का आयोजन होगा। इसमें दुनिया भर से लोग प्रयागराज आएंगे। बड़ी संख्या में लोग वाराणसी भी आएंगे, क्योंकि यह एक धार्मिक नगरी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि कुंभ में आए जो लोग भी वाराणसी पहुंचें, उन्हें गंगा नदी पूरी तरह से साफ मिले। इसलिए इस काम को हर हाल में दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए।
अपर मुख्य सचिव ने अब तक सभी घरों में सीवरेज कनेक्शन नहीं दिए जाने पर अधिकारियों को फटकार लगाई। वाराणसी में अब तक सात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) हैं जिनकी दैनिक क्षमता 42 करोड़ लीटर है। इसके अलावा 80 नालों में ओवरफ्लो की समस्या है।
बैठक में नगर आयुक्त ने कहा कई इलाकों में अलग-अलग एजेंसियों ने पाइपलाइन बिछाई है जिसकी वजह से दिक्कतें आ रही हैं। कहीं-कहीं पर सीवरेज का डिजाइन भी गलत तरीके से किया गया है। इन समस्याओं से निपटने के लिए नगर आयुक्त ने केंद्र से एक ऐसी एजेंसी को हायर करने के लिए कहा है जो इस काम में निपुण हो और सबसे पहले सर्वे करके एक सही परियोजना बनाकर तब उसका क्रियान्वयन करे।