नई दिल्ली, 7 अगस्त (आईएनएस)। पेरिस ओलंपिक से विनेश फोगाट बाहर हो चुकी हैं। महिलाओं के कुश्ती (50 किलोग्राम वर्ग) के फाइनल में वजन 100 ग्राम अधिक होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। हालांकि, नियम सबके लिए एक जैसे ही है लेकिन इस मामूली अंतर ने भारत से एक मेडल और विनेश से उसकी चार साल की कड़ी मेहनत का फल छीन लिया।
इस मामले को लेकर पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह का बयान सामने आया है। परगट सिंह ने कहा कि देशवासियों, सरकार और मीडिया को विनेश फोगाट को सपोर्ट करना चाहिए। उन्होंने बताया कि एथलीट के भार को चैक करना और उसे गाइड करना साथ में रह रहे ऑफिशियल का काम होता है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी के साथ रहे ऑफिशियल को इसका ज्ञान भी होता है।
विनेश अपने भार वर्ग में फिट थी तभी वो यहां तक पहुंची हैं। अगर फाइनल मुकाबले से पहले उनका भार वर्ग अधिक है तो भी उन्हें इस तरह से डिसक्वालीफाई करना ठीक नहीं है, क्योंकि अगर वो इस मुकाबले से पहले चोटिल हो जाती तो भी क्या फेडरेशन यही फैसला लेती। मुझे लगता है कि विनेश सिल्वर मेडल की हकदार हैं।
परगट सिंह ने बताया कि खिलाड़ी का मैच से पहले इसलिए भार चैक किया जाता है। फोगाट सिल्वर मेडल के लिए डिजर्व करती है और इसके लिए सभी को सपोर्ट करना चाहिए।
साथ ही परगट सिंह ने भारतीय हॉकी टीम को सेमीफाइनल में जर्मन से मिली हार पर कहा कि कहीं ना कहीं आपका गुडलक भी काम करता है। खिलाड़ियों ने काफी मेहनत की और अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया। टॉप-4 चार टीमों में ज्यादा अंतर नहीं होता। सेमीफाइनल में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन जर्मनी भी एक दमदार टीम है इसलिए मुकाबला कांटे की टक्कर का था। हम बस यही कह सकते हैं कि हमने एक अच्छा मौका गंवा दिया। स्पेन के खिलाफ उम्मीद है कि हम अच्छा प्रदर्शन करें और जीत दर्ज करें।