शिवसेना (यूबीटी) नेता अंबादास दानवे को दिल्ली में आप की जीत का भरोसा, पीएम मोदी की महाकुंभ यात्रा पर भी दी प्रतिक्रिया

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मुंबई, 5 फरवरी (आईएएनएस)। शिवसेना उद्धव गुट के नेता और प्रवक्ता अंबादास दानवे ने बुधवार को आईएएनएस से खास बातचीत में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत की उम्मीद जताई। उन्होंने महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्नान और महाराष्ट्र के वोटर लिस्ट में मतदाताओं की वृद्धि को लेकर राहुल गांधी के बयान पर भी टिप्पणी की।

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर अंबादास दानवे ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी कई सालों से दिल्ली में अच्छा काम कर रही है और हमें ऐसा लगता है कि उनकी पार्टी इस बार चुनाव में जीतकर आएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाकुंभ में शामिल होने को लेकर दानवे ने कहा कि यह अच्छी बात है कि वह महाकुंभ गए हैं, लेकिन इससे वोटर डायवर्ट नहीं होंगे। क्योंकि वोटर पहले ही निर्णय कर लेते हैं कि उन्हें किसे वोट देना है, तो इस तरह की बातों का कोई असर नहीं होगा। पीएम मोदी की यात्रा पर उठ रहे सवाल को लेकर दानवे ने कहा कि महाकुंभ एक अच्छा आयोजन है और वहां डुबकी लगाना एक सकारात्मक बात है। विदेश से भी लोग वहां डुबकी लगाने आते हैं। प्रधानमंत्री ने वहां जाकर प्रणाम किया, जो एक महत्वपूर्ण बात है। महाकुंभ में हुए भगदड़ की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां और व्यवस्था होनी चाहिए थी। हम मानते हैं कि मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए थे।

लाडली बहन योजना के तहत अब कार रखने वालों को योजना से बाहर करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि यह पहले से तय था कि जो लोग इस योजना के पात्र नहीं हैं, उन्हें बाहर किया जाएगा। चुनाव के दौरान इसे एक चुनावी जुमले के रूप में पेश किया गया था। अब सरकार ने इसे सही तरीके से लागू किया है।

अन्ना हजारे द्वारा उद्धव ठाकरे पर दिए गए बयान पर दानवे ने कहा कि नरेंद्र मोदी जैसे बड़े नेता महाराष्ट्र आते हैं, तो वह उद्धव ठाकरे पर आक्रमण करते हैं। इसका मतलब यह है कि उद्धव ठाकरे में कोई बात है, इसलिए उनका नाम लिया जाता है।

राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र में 70 लाख नए वोटर जोड़ने के बयान पर दानवे ने कहा कि कुछ लोग वोटर लिस्ट में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इतने ज्यादा लोग कैसे बढ़ सकते हैं? शिरडी जैसे छोटे गांवों में एक ही बिल्डिंग में 7 हजार वोटर कैसे बढ़ सकते हैं, यह सवाल है। यह एक गंभीर मुद्दा है और इसकी जांच होनी चाहिए।