संविधान, गांधी परिवार से लेकर केजरीवाल तक, जानें पीएम मोदी ने विपक्ष को किन-किन मुद्दों पर घेरा

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नई दिल्ली, 4 फरवरी (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से लेकर गांधी परिवार तक पर जमकर हमला बोला।

प्रधानमंत्री मोदी ने केजरीवाल के ‘शीशमहल’ का जिक्र करते हुए कहा, “आजकल मीडिया में ज्यादा ही चर्चा हो रही है, सोशल मीडिया में ज्यादा ही हो रही है। कुछ नेताओं का फोकस घरों में जकूजी पर, स्टाइलिश शावर पर है, लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है। आजादी के 75 साल बाद देश में 70-75 फीसदी, यानी करीब 16 करोड़ पर‍िवारों से भी अधिक लोगों के पास नल का कनेक्शन नहीं था, हमारी सरकार ने पांच साल में 12 करोड़ परिवारों के घरों में नल से जल देने का काम किया है। हमने गरीबों के लिए इतना काम किया है, जिसका जिक्र राष्ट्रपति ने अपने भाषण में विस्तार से किया है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पहले अखबारों की हेडलाइन घोटाले और भ्रष्टाचार से जुड़ी होती थीं। हमें सरकार में रहते 10 साल हो गए हैं, देश के करोड़ों रुपए बचे हैं, जो जनता की सेवा में लगे हैं। हमने कई कदम उठाए हैं, जिससे काफी पैसा बचा है। लेकिन, हमने उस पैसे का इस्तेमाल शीशमहल बनाने के लिए नहीं किया, बल्कि हमने उस पैसे का इस्तेमाल देश बनाने के लिए किया है।”

पीएम मोदी ने ओबीसी के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को घेरा। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों के लिए जाति की बात करना फैशन हो गया है। पिछले 30 साल से सदन में आने वाले ओबीसी समाज के सांसद एक होकर मांग कर रहे थे कि ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया जाए। हमने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। पिछड़ा वर्ग आयोग आज संवैधानिक व्यवस्था बन गया।” हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि एससी, एसटी और ओबीसी को हर क्षेत्र में अधिकतम अवसर मिलें।

संविधान की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “संविधान में जो धाराएं हैं, उसके साथ-साथ संविधान की एक आत्मा भी है। संविधान को मजबूती देने के लिए उसकी भावना को जीना पड़ता है। इसे मैं आज उदाहरण के साथ बताऊंगा। हमारे यहां परंपरा है कि राष्ट्रपति के संबोधन पर सरकार का ब्यौरा होता है। ऐसे ही गवर्नर राज्य के काम का ब्यौरा देते हैं। जब मैं सीएम था गुजरात के गठन के 50 साल हुए थे। हमने एक निर्णय किया कि इस गोल्डन जुबली ईयर में जितने भी गवर्नर के भाषण हुए, सबको एक पुस्तक के रूप में तैयार किया जाए। आज सभी लाइब्रेरी में वो ग्रंथ है। मैं तो भाजपा वाला था, गुजरात में ज्यादातर कांग्रेस की सरकारें थी, उसे भी प्रसिद्ध कराने का काम भाजपा का मुख्यमंत्री कर रहा था। हम संविधान को समर्पित हैं, उसे जीना जानते हैं, उसकी आत्मा को समझते हैं।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “आज कुछ लोग खुलेआम शहरी नक्सलियों की भाषा बोल रहे हैं, भारतीय राज्य को चुनौती दे रहे हैं और उसके खिलाफ लड़ाई का ऐलान कर रहे हैं। यह भाषा बोलने वाले न तो संविधान को समझते हैं और न ही देश की एकता को। सात दशकों तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखा गया। यह न केवल संविधान के साथ बल्कि इन क्षेत्रों के लोगों के साथ भी अन्याय था। हम संविधान की भावना से जीते हैं, और इसीलिए हम मजबूत निर्णय लेते हैं। हमारा संविधान भेदभाव का अधिकार नहीं देता। जो लोग संविधान को अपनी जेब में रखकर जीते हैं, उन्हें नहीं पता कि आपने मुस्लिम महिलाओं को किस तरह की कठिनाइयों में रहने के लिए मजबूर किया।”

पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों का जिक्र करते हुए कहा, “हमने पीएम म्यूजियम बनाया और देश के पहले पीएम से लेकर मेरे पूर्व तक के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन को और उनके कार्यों को बताया गया है। ये होती है संविधान की भावना। हम संविधान को सर्वोपरि रखते हैं, जहर की राजनीति नहीं करते हैं। हम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाते हैं। ये देश का दुर्भाग्य है कि आज कल कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा खुलेआम बोल रहे हैं। ये अर्बन नक्सल की भाषा बोलने वाले न संविधान को समझ सकते हैं और न देश की एकता को समझ सकते हैं। सात दशक तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को संविधान के अधिकारों से वंचित रखा गया। ये अन्याय है। हमने आर्टिकल 370 की दीवार गिरा दी।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी और पूर्व पीएम राजीव गांधी पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, “एक प्रधानमंत्री थे, जिन्हें मिस्टर क्लीन के नाम से जाना जाता था, जिन्होंने कहा था क‍ि दिल्ली से जब एक रुपया चलता है, तो गांवों तक केवल 15 पैसे ही पहुंचते हैं। उस समय पंचायत से लेकर संसद तक एक ही पार्टी का शासन था और आम आदमी आसानी से समझ जाता था कि 85 पैसे कहां गए। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए। हमने जनधन, आधार, मोबाइल की जैम ट्रिनिटी बनाई और डायरेक्ट ट्रांसफर करना शुरू किया। ​हमारे कार्यकाल में हमने 40 लाख करोड़ रुपया सीधे जनता-जनार्दन के खाते में जमा किया।”

पीएम मोदी ने लोकसभा में एक पुराने कार्टून का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री पीएम राजीव गांधी पर तंज कसा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “एक पीएम थे जो लगातार 21वीं सदी की बात करते थे, उस वक्त आरके लक्ष्मण ने एक बेहद दिलचस्प कार्टून बनाया था। वो कार्टून उस वक्त तो मजेदार था, लेकिन बाद में सच हो गया। कार्टून काफी दिलचस्प था। इसमें पायलट के साथ एक हवाई जहाज दिखाया गया। अब, उन्होंने पायलट क्यों चुना, मुझे नहीं पता। वहां कुछ यात्री बैठे थे और हवाई जहाज एक ठेले पर रखा हुआ था, जिसे मजदूर धकेल रहे थे, जिस पर 21वीं सदी लिखा हुआ था। उस वक्त ये कार्टून एक मजाक जैसा लग रहा था, लेकिन आखिरकार ये सच साबित हुआ। वो कार्टून एक उदाहरण था कि कैसे प्रधानमंत्री की बातें ‘हवा हवाई’ और वास्तविकता से दूर थीं।”

पीएम मोदी ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान लखपति दीदी की चर्चा की। साथ ही सोनिया गांधी के राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को ‘बेचारी’ बोलने पर भी जवाब दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति जी के भाषण के बाद, एक महिला, एक गरीब का सम्मान नहीं क‍िया, आपकी मर्जी है, लेकिन क्या-क्या कहकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है। मैं राजनीतिक हताशा समझ सकता हू्ं, लेकिन एक राष्ट्रपति के खिलाफ? क्या कारण है?”

“आज भारत इस प्रकार की विकृत मानसिकता को छोड़कर विमेन लेड डेवलपमेंट को लेकर आगे बढ़ रहा है। आधी आबादी को पूरा अवसर मिले तो भारत दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ सकता है, ये मेरा विश्वास है। पिछले 10 साल में सेल्फ हेल्प ग्रुप में 10 करोड़ नई महिलाएं जुड़ी हैं, ये वंचित परिवारों से हैं, ग्रामीण बैकग्राउंड से हैं। उनका सामाजिक स्तर ऊपर उठा, सरकार ने इनकी मदद 20 लाख रुपये तक बढ़ा दी है। तीसरी बार सरकार बनने के बाद 50 लाख से ज्यादा लखपति दीदी की जानकारी हम तक पहुंची है। अब तक कुल करीब सवा करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं। हमारा लक्ष्य 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाना है।”

पीएम मोदी ने अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “विकसित भारत का सपना सरकारी सपना नहीं, 140 करोड़ देशवासियों का सपना है। दुनिया में यह एक उदाहरण हैं। 20-25 साल के कालखंड में दुनिया के कई देश विकसित हुए। ऐसे में हमारे पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, डिमांड है तो हम विकसित देश क्यों नहीं बन सकते? हम अपना लक्ष्य पार करके रहेंगे। हम देश की आवश्यकता के अनुसार आधुनिक भारत बनाने के लिए आने वाले अनेक वर्षों तक जुटे रहने वाले लोग हैं। मैं सभी दलों से आग्रह करता हूं कि आपकी अपनी-अपनी राजनीतिक विचारधाराएं होंगी, लेकिन देश से बड़ा कुछ नहीं हो सकता। हम मिलकर विकसित भारत के सपने को पूरा करेंगे।”