रांची, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के साथ सरकार में शामिल कांग्रेस ने शरीयत और संविधान को लेकर झारखंड के मंत्री के बयान के बयान को उनकी निजी राय बताते हुए इससे किनारा कर लिया है।
कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने राज्य अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के बयान पर कहा कि यह बयान उनका निजी मत है और “इस मुद्दे को अब दोबारा उठाना लोकतंत्र और समाज के लिए ठीक नहीं है”।
जेएमएम नेता ने पिछले दिनों शरीयत को संविधान से ऊपर बताया था।
राकेश सिन्हा ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि हर चीज का एक समय होता है और इस मामले का पूरी तरह पटाक्षेप हो चुका है। अब इस मामले को उठाना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हफीजुल अंसारी की यह निजी राय है और किसी की निजी राय पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। वैसे भी वह हमारी पार्टी से नहीं हैं। मंत्री ने यह बयान किस सवाल के जवाब में दिया, इसके बारे में तो वही बेहतर बता सकते हैं।”
हफीजुल अंसारी ने पिछले दिनों एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा था, ”शरीयत मेरे लिए बड़ा है। मुसलमान कुरान सीने में और संविधान हाथ में लेकर चलता है। तो, हम पहले शरीयत को पकड़ेंगे, उसके बाद संविधान। मेरा इस्लाम यही कहता है।”
बाद में उन्होंने इस बयान को लेकर सफाई दी थी। हफीजुल हसन का कहना था कि उनका बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने कभी भी संविधान के विरोध में कोई बात नहीं कही। हालांकि उनकी सफाई के बाद भी उनके खिलाफ भाजपा का विरोध-प्रदर्शन जारी है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा न्यायपालिका की भूमिका पर उठाए गए सवाल पर झारखंड कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि संविधान सबसे बड़ा है और संविधान के तहत तमाम संवैधानिक संस्थाएं काम करती हैं, इसमें न्यायालय भी है। उन्होंने कहा, “संविधान की धारा 142 के तहत न्यायालय को यह स्वतंत्रता दी गई है कि वह किसी भी मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान से यह देश चल रहा है। संविधान देश के लिए सर्वोपरि है। संविधान से ऊपर कोई नहीं है।”