सलेम में उत्तर भारतीयों ने धूमधाम से मनाई होली

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सलेम (तमिलनाडु), 14 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु के सलेम शहर में उत्तर भारतीय समुदाय के लोगों ने होली का त्यौहार उत्साह और खुशी के साथ मनाया। यह रंगों का त्यौहार खास तौर पर उन इलाकों में देखा गया, जहां उत्तर भारतीयों की संख्या ज्यादा है, जैसे नारायण नगर, देवेंथिरापुरम और वीरप्पन नगर। इस मौके पर लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर होली की मस्ती में डूब गए।

होली का त्यौहार हर साल की तरह इस बार भी सलेम में धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही लोग अपने घरों से बाहर निकले और एक-दूसरे को रंग-बिरंगे गुलाल से सराबोर कर दिया। बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई इस उत्सव में शामिल हुआ। रंगों की बौछार और हंसी-ठिठोली ने पूरे शहर को जीवंत बना दिया। परिवार आपस में मिले, स्वादिष्ट पकवान बनाए गए और होली की खुशी को एक साथ बांटा गया।

यह त्यौहार भगवान विष्णु के एक अवतार नरसिंह की याद में मनाया जाता है। मान्यता है कि नरसिंह ने अपने भक्त प्रह्लाद को राक्षस राजा हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से बचाया था। इस घठना को याद करते हुए लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं।

सलेम में उत्तर भारतीय समुदाय ने इस परंपरा को बरकरार रखा और होली के सभी रीति-रिवाजों का पालन किया। कई जगहों पर होलिका दहन की छोटी-छोटी तैयारियां भी की गईं, जो इस त्यौहार का अहम हिस्सा है।

उत्तर भारतीय समुदाय ने न सिर्फ अपने घरों में, बल्कि गलियों और मोहल्लों में भी होली का रंग जमाया। रंगों से सजी सड़कें, गीत-संगीत की धुनें और लोगों की खुशियां सलेम के माहौल को और खास बना रही थीं। इस दौरान पारंपरिक मिठाइयां जैसे गुजिया और ठंडाई भी लोगों के बीच बांटी गईं। बच्चों ने पिचकारी और गुब्बारों से खेलते हुए त्यौहार को और मजेदार बनाया।

सलेम में रहने वाले उत्तर भारतीयों के लिए यह त्यौहार अपनी संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने का एक खूबसूरत मौका है। अपने घर से दूर रहते हुए भी उन्होंने होली को उसी जोश और उत्साह के साथ मनाया, जैसा वे अपने मूल स्थान पर मनाते। इस उत्सव ने सलेम शहर को एक रंगीन और खुशहाल माहौल दे दिया, जो हर किसी के लिए यादगार रहा।