सिद्दारमैया के इस्तीफे की मांग पर भड़के प्रियांक खड़गे, कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष पर लगे आरोप पत्र लहराए

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बेंगलुरु, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में राज्य लोकायुक्त की एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की है।

इस पर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगा था। इसके विरोध में बुधवार को राज्य के पंचायती राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने प्रेस कांफ्रेंस में कर्नाटक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के खिलाफ चल रहे रिश्वत, धोखाधड़ी और जबरन वसूली से जुड़े मामलों के कागजात सार्वजनिक तौर पर लहराए।

उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में नैतिकता के आधार पर ही कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष का इस्तीफा मांगते हुए कहा, “अगर भाजपा नैतिक शुद्धता का दावा करना चाहती है, तो उन्हें पहले अपने खुद के अंदर झांकना चाहिए। यह भाजपा के राज्य अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र का हलफनामा है। इसमें साफ लिखा है कि उनके खिलाफ एक मामला चल रहा है …और यह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 8, 9, 10 और 13 के तहत है। इसमें सार्वजनिक सेवा में रिश्वत, धोखाधड़ी, और जबरन वसूली शामिल है। उन्होंने समन का जिक्र भी किया है। यह कांग्रेस पार्टी का आरोप नहीं है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने खुद लिखा है कि यह मामला धन शोधन से संबंधित है। अगर भाजपा सिद्दारमैया से इस्तीफा मांग रही है, तो वही बात उनके राज्य अध्यक्ष पर भी लागू होनी चाहिए। यही बात अन्य भाजपा विधायकों पर भी लागू होनी चाहिए, जिनके खिलाफ ईसीआईआर मामले हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “कैसे वे नैतिक आधार पर बात कर सकते हैं, जबकि बी.वाई. विजयेंद्र को अध्यक्ष बने हुए हैं? उनके पिता बी.वाई. येदियुरप्पा के खिलाफ गंभीर शिकायत है, जिसमें एक नाबालिग का उत्पीड़न शामिल है। फिर भी, वह पद पर हैं और हमें नैतिकता का उपदेश दे रहे हैं। उनकी नैतिकता क्या है?

“कांग्रेस भाजपा पर उंगली उठाने की बजाय आरोपों का सामना कर रही है। हमने सभी आरोपों का खंडन किया है। कोई अपराध नहीं है, इसलिए इस्तीफे की आवश्यकता नहीं है। क्या हमने कहा कि हम इस्तीफा देंगे? क्या कांग्रेस विधायक दल या उच्च कमान ने सिद्दारमैया से इस्तीफा मांगा है? नहीं। पहले उन्हें अपने नैतिक आधार स्थापित करने दें, फिर वे कांग्रेस पार्टी पर आएं। यह प्रतिशोध की राजनीति नहीं है। प्रतिशोध की राजनीति होती, अगर हम उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज करते। अमित शाह और नरेंद्र मोदी ने अपनी ही पार्टी के लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। हमने विजयेंद्र के खिलाफ एक भी मामला नहीं दर्ज किया। हम सिर्फ कानून का पालन कर रहे हैं। क्या कानून का पालन करना अब अपराध बन गया है।”

इसके बाद उन्होंने कश्मीर में भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलने पर कहा, “उन्होंने “कश्मीर फाइल्स” जैसी प्रचार फिल्मों का सहारा लिया और कहा कि अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया। उन्होंने एक फलते-फूलते राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया। हम हमेशा कहते आए हैं कि हम चुनाव आयोग को किसी भी तकनीकी या इलेक्ट्रॉनिक परीक्षण में मदद करने के लिए तैयार हैं। आपका सवाल है कि क्या हरियाणा में राजनीतिक दुष्प्रचार हो रहा है? इसमें कोई संदेह नहीं है। हम किसी को बचाने के लिए नहीं हैं। कानून को अपना काम करने दें। जाति जनगणना पर, हम कर्नाटक में अपनी नीतियों और प्रतिबद्धताओं के साथ हैं। हरियाणा में कांग्रेस की जाति जनगणना की प्रतिबद्धता सार्वभौमिक है। हम कर्नाटक में जाति जनगणना के खिलाफ नहीं हैं।”