सीएम केजरीवाल का बार-बार कोर्ट जाना मीडिया इवेंट : भाजपा

0
7

नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने सीबीआई से जवाब मांगा और मामले की अगली सुनवाई की तारीख 17 जुलाई तय की।

इस दौरान कोर्ट ने केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी से कहा कि जब आपको जमानत निचली अदालत से भी मिल सकती है, तो ऐसे में आप हाईकोर्ट क्यों आए हैं?

कोर्ट की इस टिप्पणी पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सीएम केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला है।

वीरेंद्र सचदेवा ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि अरविंद केजरीवाल का शराब नीति घोटाला में बार-बार कोर्ट जाना एक तरीके से मीडिया इवेंट है। किसी तरीके से वह सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। दिल्ली सरकार जिन वकीलों पर करोड़ों खर्च कर रही है, वह जनता का पैसा है। सीएम केजरीवाल को छुड़ाने के लिए वकीलों पर जनता का पैसा खर्च किया जा रहा है। उनको पता है कि किस कोर्ट में जाना चाहिए, लेकिन खबरों में बने रहने की उनकी और आम आदमी पार्टी की फितरत बन चुकी है। मुझे लगता है कि लोगों का ध्यान खींचने के लिए वो इस तरह के इवेंट करते रहते हैं।

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी की ओर से इस बार बाढ़ से निपटने की तैयारी के दावे पर उन्होंने कहा कि आतिशी झूठ बोलने में माहिर हैं। यह बात हम कई बार साबित भी कर चुके हैं। उनके स्वभाव में ही झूठ बोलना है। दिल्ली प्यासी ना रहे, इसके लिए भी मार्च-अप्रैल में वो दावे कर रही थीं, लेकिन मई-जून में दिखा कि दिल्ली की क्या हालत है। दिल्ली के लोग एक बूंद पानी के लिए तरस रहे थे।

उन्होंने कहा कि अगर उनकी तैयारी पूरी थी तो फिर पानी कहां गया। इन लोगों ने टैंकर माफिया के साथ पानी बेच खाया। उसके बाद कहने लगे कि नालों की सफाई कर ली है, लेकिन एक-दो घंटे की बारिश में ही दिल्ली जलमग्न हो गई। 11 लोगों की जान चली गई। उसके लिए भी आम आदमी पार्टी की सरकार तैयार थी। अच्छा मानसून सिर पर है तो पहले से घोषणा करते हैं। घोषणा के नाम पर भ्रष्टाचार और बाद में दूसरे राज्यों को दोष देना, आने वाले दिनों में होने वाला है।

दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की छापेमारी पर उन्होंने कहा कि जल बोर्ड में घोटाला हो रहा है। 600 करोड़ रुपए के फायदे वाले जल बोर्ड पर 77,000 करोड़ का लोन है। इसका पैसा कहां गया, आतिशी जवाब दें। 10 सालों में जल बोर्ड का पैसा कहां गया है। शराब घोटाले से बड़ा जल बोर्ड का घोटाला है। पहली बार छापेमारी नहीं हुई है। लगातार छापेमारी चल रही है। कुछ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और बाकी लोगों का नंबर है, क्योंकि आपने चोरी की है और जल बोर्ड को रोकने का काम किया है।