हमारे धर्म में महिलाओं को शक्ति स्वरूपा कहा गया है, इनका बहुत महत्‍च है : गिरिराज सिंह

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मुंबई, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह शनिवार को श्री विद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ में शामिल हुए। उन्होंने कहा है कि हमारे धर्म में महिलाएं को शक्ति स्वरूपा कहा गया है। धन की देवी लक्ष्मी, विद्या की देवी सरस्वती। हमारे यहां शक्ति स्वरूपा का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा है कि युवा चेतना द्वारा सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति सभ्यता के संवर्धन के लिए अच्छा काम किया जा रहा है। राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए और परिश्रम करना चाहिए। मैं कहना चाहता हूं कि गांव-गांव में लोगों को सनातन के प्रति जागरूक करना होगा।

स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा है कि हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए कि हम अपने योगदान से देश के गौरव को बढ़ाएं। सनातन के खिलाफ बोलने वाले यह समझ लें कि उनकी हैसियत नहीं है कि वह सनातन के खिलाफ कुछ कहें। जिस भूमि पर पवित्र यज्ञ किया जा रहा है, यह भूमि क्रांति की भूमि है और यहां की जनता ने हाल में अच्छा फैसला लिया।

युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि देश की प्रगति और विश्व में शांति के लिए 20 दिसंबर से शुरू श्री विद्या कोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ 22 दिसंबर तक चलेगा। देश की ताकत बढ़नी चाहिए। सनातन का ध्वज हिमालय से ऊंचा जाना चाहिए। इसलिए इस महायज्ञ का आयोजन मुंबई में किया गया है। इस यज्ञ में देशभर से लोग आ रहे हैं, हजारों की संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं। संत समाज के साथ बौद्धिक चर्चा हो रही है।

उन्होंने कहा कि जब बाबर और औरंगजेब के काल में हमारे धर्म को कोई नुकसान नहीं हो पाया तो अब क्या नुकसान होगा। सनातन धर्म तो पूरी दुनिया का मूल है। उन्होंने बताया कि देश के वरिष्ठ संत स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी के मार्गदर्शन में महायज्ञ चल रहा है। इस यज्ञ में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव भी शामिल हुए।