हरियाणा : ‘आप’ प्रत्याशी के कांग्रेस को समर्थन देने से बदला नीलोखेड़ी का समीकरण, भाजपा के लिए बढ़ी मुश्किल 

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चंडीगढ़, 3 अक्‍टूबर (आईएएनएस)। चुनावी राज्य हरियाणा में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सूबे में सियासतदानों के सियासी कदम भी तेज होते जा रहे हैं। ऐसे ही एक कदम से विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश की नीलोखेड़ी (एससी) विधानसभा सीट का पूरा सियासी समीकरण ही बदल गया है। दरअसल, मतदान से दो दिन पहले ‘आप’ प्रत्‍याशी अमर सिंह ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। ये भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

90 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां एक-एक सीट के लिए जोर लगा रही हैं, ऐसे में ‘आप’ प्रत्याशी अमर सिंह का ये चुनावी दाव बहुत मायने रखता है। दरअसल, इस सीट से प्रदेश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने 45 वर्षीय भगवान दास कबीरपंथी को मैदान में उतारा है। 2019 विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने इन पर दोबारा भरोसा जताया है। जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा चुके कबीरपंथी को क्षेत्र में किसानों, व्यापारियों और 36 बिरादरी के लोगों से अच्छा समर्थन प्राप्त है। वहीं, 2014 विधानसभा चुनाव में जीत भी दर्ज कर चुके हैं। लेकिन पिछले चुनाव में करीब 2,000 के नजदीकी वोटों के अंतर से इनको हार का सामना करना पड़ा था।

वहीं अगर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की बात करें तो पार्टी ने इस बार धर्मपाल गोंदर को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2019 विधानसभा चुनाव में इन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और नीलोखेड़ी की जनता ने इनको 42,979 वोट दिया था, जबकि कांग्रेस यहां पर तीसरे नंबर पर आई थी। लेकिन काफी लंबे समय से क्षेत्र में सक्र‍िय धर्मपाल गोंदर को प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है और अब आप प्रत्याशी के समर्थन के बाद यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नया जोश भर दिया है।

बता दें कि प्रदेश में कुल 90 विधानसभा सीटों के लिए पांच अक्टूबर को मतदान होना है, आठ जून को इनके नतीजे आएंगे। प्रदेश में भले ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ रही हो, लेकिन इसके बावजूद इस सीट पर समीकरण बदल गया। हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री ने जहां सूबे के तमाम क्षेत्रों में चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय रूप दिया है। वहीं, नीलोखोड़ी में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सीधे आमने-सामने टकराते हुए दिख रहे हैं। फिलहाल कांग्रेस खेमे में इसको लेकर काफी उत्साह का माहौल है, बाकी आठ जून को नतीजा ही बताएगा की ऊंट किस करवट बैठेगा।