नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। चूना लगाना गुड बुक्स का जुमला नहीं है। लेकिन यही चूना जब जीभ के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है तो कई बीमारियों को ‘चूना’ लगा देता है। ऐसा हमारी ‘दादी मां के नुस्खे’ भी कहते हैं, नैचुरोपैथी भी और आयुर्वेद भी!
यह कैल्शियम और ऑक्सीजन से बना केमिकल है। कैल्शियम ऑक्साइड यानी बिना बुझा हुआ चूना। कैल्शियम ऑक्साइड (सीएओ) को जब पानी मिलाया जाता है तो यह बुझा हुआ चूना (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) बन जाता है। सरल भाषा में इसे लाइम वॉटर भी कहते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में चूना कई तरह से इस्तेमाल होता है। पान, सुपारी और तंबाकू के साथ भी चूना खाया जाता है। चूना सेहत के लिए फायदेमंद है तो हानिकारक भी।
मेरठ के आयुर्वेदिक प्रोफेसर का शोध पत्र अगस्त 2020 में अमेरिका की पत्रिका और जर्नल ऑफ नेचुरल एंड आयुर्वेदिक मेडिसिन में प्रकाशित किया गया। वो कोरोना का दौर था। इस शोध में बताया गया कि हल्दी और चूने को मिलाकर सेवन करने से कोरोना मरीज तेजी से ठीक हो सकते हैं। दोनों औषधियां शरीर से विषाक्त कणों को बाहर निकालने के साथ ही खून के थक्के बनने से भी रोकती हैं। वायरल लोड कम होता है। इसे शुगर, बीपी, गठिया और पेट की जटिल बीमारियों में भी कारगर माना जा रहा है।
ये तो हुई शोध पत्र की बात लेकिन हमारे भारतीय घरों में ये रचा-बसा केमिकल है। बड़े बुजुर्ग कहते आए हैं कि गेहूं के दाने बराबर चूना अगर गन्ने के रस में मिलाकर पिलाया जाए तो पीलिया ठीक हो जाता है, इंफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे दंपति के लिए भी ये किसी संजीवनी से कम नहीं। पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाता है तो महिलाओं के एग्स का भी ख्याल रखता है।
आयुर्वेद के जानकार मानते हैं कि बच्चों की हाइट ग्रोथ में भी मददगार साबित होता है। लंबाई बढ़ती है अगर इसे रोज दही में मिलाकर खाया जाए। जिस तरह की हमारी जीवनशैली है उसमें कंप्यूटर पर निर्भरता बढ़ गई है। स्क्रीन टाइम बढ़ा है तो हमने स्पॉन्डेलाइटिस को भी दावत दे दी है। तो एक्सपर्ट्स की मानें तो रीढ़ की हड्डी में मौजूद मनके होते हैं, उसमें जो दूरी बढ़ जाती है, गैप आ जाता है, उसे ये चूना ठीक करता है।
चूना साउथ ईस्ट एशिया में मिलता है। इंडोनेशिया के द्वीपसमूह, पापुआ और उनके आसपास के इलाकों में बहुतायत में पाया जाता है। सफेद रंग के चूने के पाउडर का उपयोग पान में किया जाता है। यह शारीरिक और मानसिक विकारों को दूर करने सहित विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
इस तरह सफेद सा चूना जो पान की शान है, सेहत के लिए भी बेमिसाल है। इसके फायदे जबरदस्त हैं। बस किसी विशेषज्ञ से जान-बूझकर, समझकर इसका प्रयोग करें। इसमें मुख्य रूप से कैल्शियम कार्बोनेट है जो कैल्शियम का एक बड़ा और सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इसका उपयोग गुलकंद, इलाइची या सुपारी संग पान में करना लाभकारी होता है।