मुंबई, 28 जनवरी (आईएएनएस)। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने मंगलवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक बड़ी साजिश सामने आई थी। छह महीने में 1.13 लाख जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए।
किरीट सोमैया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 2023 के नवंबर से राज्य में जन्म प्रमाणपत्रों को लेकर एक नया आदेश लागू किया गया था, जिसमें तहसीलदार और कार्यकारी दंडाधिकारी को प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिया गया। इससे पहले यह अधिकार मजिस्ट्रेट के पास था।
उन्होंने कहा कि इस बदलाव के बाद, पिछले छह महीनों में करीब एक लाख 13 हजार लोगों को जन्म प्रमाणपत्र दिए गए और 90 हजार प्रमाणपत्रों को मंजूरी भी दी गई। इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गंभीरता से ध्यान दिया और प्रमाणपत्रों की मंजूरी पर रोक लगा दी है। साथ ही, जिन प्रमाणपत्रों को जारी किया गया है, उनका पुनः मूल्यांकन करने का आदेश दिया गया।
भाजपा नेता ने आगे कहा, “आज (मंगलवार को) मैंने जालना, परभानी और लातूर जिलों का दौरा करते हुए जालना के जिलाधिकारी से विस्तृत चर्चा की। जालना जिले में कुल 11,494 प्रमाणपत्र जारी किए गए, जिसमें से 2,594 प्रमाणपत्र भोपरदन जैसे प्रमुख स्थानों पर दिए गए। इन स्थानों में 2,500 से लेकर 5,000 तक प्रमाणपत्र जारी किए गए। मुख्यमंत्री ने इस मामले पर ध्यान रखते हुए जांच का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रशासन द्वारा इस मुद्दे की गहनता से समीक्षा की जा रही है और इसमें कई अहम बदलाव भी हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 23 जनवरी को महाराष्ट्र के मालेगांव में रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों को जारी हुए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में राज्य सरकार ने तत्कालीन तहसीलदार नितिन कुमार देवरे और नायब तहसीलदार संदीप धरणकर को निलंबित कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने सरकार की इस कार्रवाई का स्वागत किया था।
किरीट सोमैया ने वीडियो जारी कर कहा था, “मालेगांव में रोहिंग्या बांग्लादेशी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले में महाराष्ट्र सरकार ने तत्कालीन तहसीलदार नितिन कुमार देवरे और नायब तहसीलदार संदीप धरणकर को निलंबित किया है। इन लोगों ने 3,977 रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को जन्म प्रमाणपत्र अवैध रूप से जारी किए। मैं राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत करता हूं।”