बिहार 10वीं बोर्ड परीक्षा : जमुई के सचिन कुमार ने प्राप्त किया दूसरा स्थान, बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर निकाला पढ़ाई का खर्च 

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जमुई, 29 मार्च (आईएएनएस)। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) की 10वीं की परीक्षा में जमुई जिले के सचिन कुमार राम ने राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। उन्होंने 500 में से 488 अंक प्राप्त किए। समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ शनिवार को बातचीत में उन्होंने बताया कि अपनी शिक्षा का खर्च उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर निकाला।

सचिन कुमार राम के पिता भूदेव कुमार राम रांची के एक होटल में खाना बनाने का काम करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद सचिन ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। वह रोजाना चार घंटे ट्यूशन पढ़ाते थे, जिससे महीने के पांच से छह हजार रुपये कमाते थे। सचिन बड़ा होकर डॉक्टर बनना चाहते हैं। अब बेटे के मैट्रिक रिजल्ट में परचम लहराने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है।

सचिन ने आईएएनएस को बताया, “समय-समय पर एनसीईआरटी की किताबें पढ़ता था। स्कूल के अध्यापक और अभिभावकों की मदद से मुझे यह सफलता मिली है। वहीं, समय-समय पर बहनें हमारा टेस्ट लिया करती थीं, जो काफी मददगार साबित हुआ। अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए मैं ट्यूशन भी पढ़ाता था। आगे डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना चाहता हूं। साइंस के पेपर में एक ऑब्जेक्टिव सवाल गलत हो जाने के कारण मुझे दूसरा स्थान प्राप्त हुआ और एक नंबर से पहले स्थान से चूक गया। परीक्षा में सफल होने के लिए परीक्षार्थियों को किताबें पढ़नी चाहिए और माता-पिता एवं अध्यापकों से मिलने वाले गाइडलाइन्स को फॉलो करना चाहिए।”

विद्यालय के प्रधानाध्यापक जनार्दन प्रसाद ने सचिन की तारीफ करते हुए बताया, “सचिन शुरू से ही मेधावी छात्र था और उन्हें भरोसा था कि वह शानदार प्रदर्शन करेगा। सचिन ने अपनी सफलता से साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।”

उल्लेखनीय है कि बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शनिवार को परीक्षा परिणाम जारी किया। इस बार करीब 82 प्रतिशत यानी 12.79 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी सफल घोषित किए गए हैं। तीन परीक्षार्थियों ने संयुक्त रूप से टॉप किया है। उत्तीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों में करीब 4,70,845 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी से पास हुए, जबकि 4,84,012 परीक्षार्थी द्वितीय और 3,07,792 परीक्षार्थी तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण घोषित किए गए।