जम्मू, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की तेजी से बढ़ती जनसंख्या के बीच गरीब तबके के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना काफी कठिन होता जा रहा है। ऐसे लोगों के लिए भारत सरकार नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट यानी एनएफएसए के तहत कम कीमत पर राशन उपलब्ध करवाती है। इक एक्ट के तहत जरूरतमंद लोगों को राशन कार्ड मुहैया कराया जाता है और सरकार द्वारा लोगों को राशन दिया जाता है।
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो गरीबों को मिलने वाले राशन पर आंख लगाकर बैठे रहते हैं। धांधली करते हुए गरीबों को मिलने वाला राशन डकार जाते हैं। वहीं, फर्जी राशन कार्ड बनाकर राशन लेते रहते हैं। ऐसे लोगों पर सरकार कार्रवाई कर रही है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में 1.27 लाख से ज़्यादा राशन कार्ड रद्द कर दिए गए। जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अतिरिक्त महासचिव एडवोकेट शेख नासिर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1.27 लाख से ज़्यादा राशन कार्ड रद्द करना “अनुचित और क्रूर” है। उन्होंने सरकार से इस कदम पर फिर से विचार करने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि राशन कार्ड धारक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग हैं और इसे रद्द किए जाने से कई परिवारों को बहुत परेशानी होगी। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के 1.27 लाख राशन कार्ड रद्द करने का नवनिर्वाचित जम्मू-कश्मीर सरकार का फ़ैसला अनुचित और क्रूर है। उम्मीद है कि वे इस गलत समय पर लिए गए आदेश पर फिर से विचार करेंगे, जिसने लोगों को बहुत परेशानी में डाल दिया है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को जम्मू-कश्मीर के लोगों की कोई फिक्र नहीं है। वह सिर्फ दिल्ली के फरमान को यहां पर लागू करने वाले हैं। हस्तशिल्प से जुड़े व्यापार पर 28 फीसद टैक्स लगाने की बात हो रही है। इस पर भी उमर अब्दुल्ला कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। जम्मू-कश्मीर को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। वे ह चाहते हैं यहां के लोग कटोरा लेकर भीख मांगें, ताकि नेशनल कॉन्फ्रेंस यहां की गरीब जनता के नात पर सत्ता में बनी रहे।