नई दिल्ली, 24 जून (आईएएनएस)। विदेश मंत्रालय (एमईए) 24 जून को 13वां पासपोर्ट सेवा दिवस मना रहा है। इस मौके पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बधाई दी है। जयशंकर ने पासपोर्ट दिवस पर अपने संदेश में कहा कि ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात है कि मैं देश और विदेश में कार्यरत हमारे सभी पासपोर्ट निर्गमन प्राधिकरणों के साथ 13वें पासपोर्ट सेवा दिवस के अवसर पर जुड़ रहा हूं।
विदेश मंत्रालय 24 जून 1967 को पारित पासपोर्ट अधिनियम को लेकर बीते कुछ सालों से इसे पासपोर्ट सेवा दिवस के रूप में मना रहा है। अपने संदेश में विदेश मंत्री ने कहा कि “सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण” शासन के तीन प्रमुख स्तंभ हैं, जो हमें एक विकसित भारत की ओर ले जाएंगे। ये सभी हमारे पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम में प्रमुखता से शामिल हैं।
जयशंकर ने कहा, “पिछले 11 सालों में सार्वजनिक सेवा वितरण में एक बड़ा बदलाव आया है। 2014 में सिर्फ 91 लाख पासपोर्ट थे। हम 2024 में 1.46 करोड़ पासपोर्ट तक पहुंच गए हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत सरकार की नागरिकों को अगली पीढ़ी की सेवाएं देने की प्रतिबद्धता के अनुरूप बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने देशभर में ‘पीएसपी वी 2.0’ (पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम संस्करण 2.0) लागू कर दिया है। ये सिस्टम उन्नत और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करेगा। वैश्विक ‘पीएसपी वी 2.0’ का पायलट परीक्षण अभी प्रगति में है और इसे चरणबद्ध तरीके से सभी भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में लागू किया जाएगा।”
विदेश मंत्रालय की सफलताओं को गिनाते हुए जयशंकर ने आगे कहा, “एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि ई-पासपोर्ट का कार्यान्वयन है। चिप में इकट्ठा डेटा की संपर्क रहित स्कैनिंग भारतीय नागरिकों की यात्रा को अधिक सुविधाजनक और अधिकारियों के साथ उनका अनुभव अधिक सहज बनाती है। इसके अलावा, ई-पासपोर्ट पुलिस ऐप के लॉन्च से उन 25 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस वेरिफिकेशन की समयसीमा घटकर 5–7 दिनों तक आ गई है, जहां ये ऐप लागू किया गया है।”
उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में देश में 10 नए पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले गए हैं। 450वां पासपोर्ट सेवा केंद्र अप्रैल 2025 में कुशीनगर में शुरू हुआ। हमने देश के सबसे दूरदराज क्षेत्रों तक मोबाइल वैन सुविधाओं के माध्यम से पहुंच बनाई है, जिससे वहां के नागरिकों को पासपोर्ट सेवाएं आसान और सुलभ हुई हैं।