झारखंड में चुनावी मुकाबले में महिला लीडरशिप का उभार, 14 में से छह सीटों पर महिला प्रत्याशी मुकाबले की मुख्य किरदार

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रांची, 27 मई (आईएएनएस)। झारखंड में इस बार लोकसभा सीटों पर चुनाव के नतीजे चाहे जो हों, चुनावी मुकाबले में महिलाओं ने खूब ताकत दिखाई है। राज्य की 14 में से छह लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां महिला प्रत्याशी मुकाबले के केंद्र में रही हैं। ये सीटें हैं- रांची, सिंहभूम, धनबाद, दुमका, पलामू और कोडरमा।

सिंहभूम राज्य की ऐसी सीट है, जहां से दूसरी बार महिला प्रत्याशी का संसद पहुंचना तय है। यहां मौजूदा सांसद एवं भाजपा की प्रत्याशी गीता कोड़ा और ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से मैदान में उतरीं झारखंड मुक्ति मोर्चा की जोबा मांझी के बीच मुख्य मुकाबला हुआ है। इस सीट पर 13 मई को मतदान संपन्न हो चुका है। 25 मई को राज्य की जिन चार सीटों पर चुनाव संपन्न हुआ, उनमें से दो सीटों रांची और धनबाद में भाजपा के प्रत्याशियों का मुकाबला ‘इंडिया’ गठबंधन की महिला लीडरों से हुआ है।

रांची में भाजपा के मौजूदा सांसद एवं प्रत्याशी संजय सेठ के सामने कांग्रेस की यशस्विनी सहाय ने चुनौती पेश की है। धनबाद में भी भाजपा के प्रत्याशी ढुल्लू महतो को कांग्रेस की अनुपमा सिंह ने टक्कर दी है। सियासत के मैदान में दोनों की लैंडिंग सीधे लोकसभा चुनाव में हुई, लेकिन पारिवारिक विरासत की ताकत की बदौलत ये अपनी-अपनी सीटों पर मुकाबले की मुख्य किरदारों में शामिल हो गईं। यशस्विनी सहाय पूर्व केंद्रीय मंत्री और तीन बार रांची से कांग्रेस के सांसद रहे सुबोधकांत सहाय की पुत्री हैं, जबकि अनुपमा सिंह के पति अनूप सिंह बेरमो से कांग्रेस के विधायक हैं।

2019 के चुनाव में कोडरमा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज करने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिक्षा राज्यमंत्री बनाई गईं अन्नपूर्णा देवी दूसरी बार मैदान में उतरीं। अन्नपूर्णा ने पिछले चुनाव में निकटतम प्रतिद्वंद्वी झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी को करीब 4.75 लाख मतों से हराया था। इस बार उनका मुकाबला सीपीआई-एमएल के प्रत्याशी विनोद सिंह से है।

पलामू सीट पर मौजूदा सांसद और भाजपा के प्रत्याशी बी.डी. राम को राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार ममता भुइयां ने सियासी टक्कर दी है। दुमका सीट पर आगामी 1 जून को चुनाव होना है। इस सीट पर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। भाजपा ने उन्हें मौजूदा सांसद सुनील सोरेन का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया। इस सीट पर भाजपा और झामुमो, दोनों की साख दांव पर लगी है।

इसी लोकसभा चुनाव में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्‍नी कल्पना सोरेन एक बड़ी महिला नेता के तौर पर उभरी हैं। वह लोकसभा चुनाव के साथ गिरिडीह जिले की गांडेय विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में झामुमो उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरीं। इस सीट पर 20 मई को वोट डाले जा चुके हैं। झारखंड में चुनावी मैदान में उतरने वाली महिला प्रत्याशियों की कुल तादाद भी पिछले चुनावों की तुलना में सबसे ज्यादा है। 2014 के चुनाव में 18 और 2019 में 25 महिलाएं मैदान में उतरी थीं, जबकि इस बार राज्य में महिला प्रत्याशियों की कुल संख्या 31 है।