नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)। बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि 2025 तक, अनुमानित रूप से 27 प्रतिशत कर्मचारी जनरेशन ज़ेड के होंगे। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो कार्य करने के तरीके और नेतृत्व की शैली को भी नई दिशा देगा।
बता दें कि साल 1995 से 2010 के बीच जन्मे लोगों को ‘जेनरेशन जेड’ में शामिल किया जाता है।
रिपोर्ट की मानें तो तमाम ब्रांड इस पीढ़ी के साथ अपना गहरा संबंध बनाने की कोशिश में लगे हैं, जो डिजिटल रूप से पारंगत हैं और मोबाइल ऐप को तरजीह देने वाले हैं। यह पीढ़ी टैक्सी लेने, खाना मंगाने और सोशल मीडिया तक का यूज करने के लिए मोबाइल का सहारा लेती है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जनरेशन जेड दुनिया में सबसे बड़ी है, जो ऑनलाइन खरीदारी करती है और खाना मंगाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय जनरेशन जेड दुनिया की 20 प्रतिशत और भारत की आबादी का लगभग 27 प्रतिशत हिस्सा है।
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि जेन जेड डिजिटल रूप से अग्रणी और नए जमाने के ब्रांड्स को प्राथमिकता दे रही है। भारत की कुल खपत में जेन जेड की लगभग 17 प्रतिशत हिस्सेदारी है, इसमें अभी और वृद्धि की काफी गुंजाइश है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 47 प्रतिशत जनरेशन जे़ड पेशेवर दो साल के भीतर अपनी नौकरी छोड़ने की योजना बना रहे हैं। अध्ययन में नौकरी बदलने के कारण, नौकरी के बाजार में प्रवेश करने की चिंता, मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अपेक्षाएं और विविध कार्यशैली को भी शामिल किया गया है। 51 प्रतिशत लोग वर्तमान में नौकरी छूटने से डरते हैं और 40 प्रतिशत नौकरी के बाजार में प्रवेश करने पर अपने पसंदीदा क्षेत्रों में पद पाने के बारे में चिंतित हैं।
कार्यस्थल पर ‘जनरेशन जेड’ की यह रिपोर्ट 5,350 से अधिक जनरेशन जेड और 500 मानव संसाधन पेशेवरों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसे अनस्टॉप द्वारा संचालित किया गया है – यह अनस्टॉप छात्रों और स्नातकों के लिए एक प्रतिभा जुड़ाव और नियुक्ति मंच है।