नोएडा, 28 मार्च (आईएएनएस)। नोएडा प्राधिकरण की 217वीं बोर्ड बैठक शुक्रवार को मुख्य सचिव सह अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त उत्तर प्रदेश तथा प्राधिकरण के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर मनीष वर्मा सहित अन्य बोर्ड सदस्य उपस्थित रहे।
बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। बताया गया कि राज्य सरकार के 21 दिसंबर 2023 के शासनादेश के तहत चिन्हित 57 रुकी हुई रियल एस्टेट परियोजनाओं में से 33 परियोजनाओं ने सफलतापूर्वक इस नीति का लाभ उठाया। इन परियोजनाओं से जुड़ी 3,620 फ्लैट खरीदारों के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया को सुचारू किया गया, जिसमें से 2,726 खरीदारों को अब तक रजिस्ट्री मिल चुकी है।
नोएडा प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 9,008 करोड़ रुपए की अनुमानित प्राप्ति और 8,732 करोड़ रुपए के खर्च का लक्ष्य तय किया है। विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए 2,410 करोड़ रुपए, अनुरक्षण कार्यों के लिए 2,229 करोड़ रुपए और ग्राम विकास कार्यों के लिए 224 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें नोएडा प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7,713 करोड़ रुपए की प्राप्ति का लक्ष्य रखा था, जिसके सापेक्ष 6,809 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई, जो कुल लक्ष्य का 88.28 प्रतिशत है। यह पिछले 10 वर्षों में सर्वाधिक संग्रहण है।
इसके अलावा भू-दरों में संशोधन किया गया है, जिनमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भू-दरों में 6 प्रतिशत वृद्धि की गई है। वाणिज्यिक उपयोग की दरें यथावत रखी गई हैं, जबकि औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग, संस्थागत और ट्रांसपोर्ट नगर की दरों में वृद्धि की गई है।
इसके अलावा गजराज केस में भूमि आवंटन में उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के आदेश के तहत प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत आबादी भूखंड या निर्धारित धनराशि देने का निर्णय लिया गया है। भूमि उपलब्ध न होने की स्थिति में किसानों को 5 प्रतिशत भूखंड और अतिरिक्त 5 प्रतिशत भूखंड के बदले धनराशि दी जाएगी।
इसके अलावा एयरोस्पेस एवं लॉजिस्टिक्स नीति का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार की एयरोस्पेस एवं रक्षा इकाई तथा मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क नीति-2024 को नोएडा में निवेश और रोजगार बढ़ाने के उद्देश्य से लागू किया जाएगा।
इस बैठक में बहुमंजिला भवनों के स्ट्रक्चरल ऑडिट पर भी बात हुई। नोएडा के बहुमंजिला भवनों की संरचनात्मक मजबूती सुनिश्चित करने के लिए निजी विशेषज्ञ संस्थानों को पैनल में शामिल करने और स्ट्रक्चरल ऑडिट की नई पॉलिसी लागू करने का निर्णय लिया गया है।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर यातायात के दबाव को कम करने के लिए यमुना मार्जिनल बंध रोड के समानांतर एक नया एक्सप्रेसवे (एलिवेटेड/ऑनग्राउंड) बनाने की अनुमति दी गई है। इससे प्रस्तावित एक्सप्रेसवे के चलते दिल्ली, हरियाणा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे की ओर जाने वाला यातायात नोएडा में प्रवेश किए बिना सुचारू रूप से गुजरेगा और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जाने वाले यात्रियों को सुविधा मिलेगी। इसके अलावा लोगों को लंबे जाम से भी निजात मिलेगी।