लखनऊ, 12, सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मंत्रियों के जिलों में बदलाव किया है। दोनों उप मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्रियों को उनके नवीन प्रभारी जनपदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसमें मुख्यमंत्री ने स्वयं और अपने साथ दोनों उप मुख्यमंत्रियों को 25-25 जनपदों की समीक्षा हेतु जिम्मेदारी भी सौंपी है।
इसमें 4-4 माह के रोटेशन पर जिलों का प्रभार परिवर्तित होता रहेगा। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में दोनों उप मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्रियों को उनके नवीन प्रभारी जनपदों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों से समन्वय और संगठन को साथ लेकर चलने का आग्रह किया है। सरकार की लोक-कल्याण की नीतियों और योजनाओं को जनता तक ले जाने के आवश्यक निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर स्वच्छता अभियान का शुभारंभ होना है। सभी प्रभारी मंत्रीगण अपने-अपने प्रभार के जनपदों में इस कार्यक्रम में सहभागिता सुनिश्चित करेंगे और स्वच्छता का यह अभियान जनांदोलन बने, इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
उन्होंने कहा कि जिले के प्रभारी मंत्री के रूप में मंत्रीगण प्रत्येक माह में कम से कम एक बार 24 घंटे के लिए अपने प्रभारी जनपद में प्रवास करेंगे। शासन से संबंधित मुद्दों को प्रभारी मंत्री कोर कमेटी से चर्चा करके प्रत्येक माह शासन में संबंधित विभाग व मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके प्रस्तुत करेंगे। जिले के सम्मानित प्रबुद्ध नागरिक, धर्माचार्यों, प्रगतिशील किसानों, व्यापारिक संगठनों सहित सामाजिक नेताओं के समूहों के साथ प्रत्येक प्रवास में किसी एक के साथ बैठक अवश्य होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिले की समीक्षा बैठक में जन शिकायतों को मेरिट के आधार पर निस्तारित किया जाना अपेक्षित है। कानून व सुरक्षा संबंधी विषयों, राजस्व विभाग से जुड़े हुए विषयों जैसे वसीयत, पैमाइश, नामांतरण, लैंड यूज सहित आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन आदि की समीक्षा कर मेरिट के आधार पर निस्तारण कराया जाए। इसकी समीक्षा की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय और संबंधित विभाग को अनिवार्य रूप से भेजी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं, लोक कल्याणकारी योजनाओं का स्थानीय स्तर पर प्रवास के दौरान भौतिक सत्यापन भी होना चाहिए। निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों, ग्राम सचिवालय, क्रय केंद्र, फेयर प्राइस शॉप, कृषि विज्ञान केंद्र में से किसी एक का भौतिक निरीक्षण प्रवास के दौरान करना अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि अटल आवासीय विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय, राजकीय महाविद्यालयों, निर्माणाधीन कस्तूरबा गांधी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण और पॉलिटेक्निक, आईटीआई के संचालन की समीक्षा की जाए।