रियासी, 27 अगस्त (आईएएनएस)। वैष्णो देवी मंदिर के पास 26 अगस्त को अर्द्धकुंवारी के निकट इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। वैष्णो देवी दर्शन के लिए पहुंचे तीर्थयात्रियों ने बताया कि स्थिति काफी भयानक थी, चारों तरफ चीख पुकार सुनाई दी।
पटना से आए एक शख्स ने आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने बताया कि भूस्खलन के समय भारी बारिश हो रही थी, जिससे चीख-पुकार मच गई। वे 50 मीटर पीछे थे, जिससे उनकी जान बच गई, लेकिन उनके दो साथी लापता हैं। उन्होंने सहायता केंद्र में पूछताछ की। अस्पताल जाकर भी चेक कर रहे हैं।
श्रद्धालु ने बताया कि वे 33 साल से वैष्णो देवी आ रहे हैं, लेकिन ऐसा भयानक मंजर पहले कभी नहीं देखा। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। उन्होंने इस घटना को बादल फटने जैसी घटना करार दिया है।
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “सभी नदियां उफान पर हैं और गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं। पानी खतरे के स्तर से ऊपर बढ़ गया है। अपने 48 वर्षों के जीवन में, मैंने कभी इतना पानी नहीं देखा, न ही मेरे पिता ने और न ही किसी और ने ऐसी स्थिति देखी है।”
नैना (श्रद्धालु) ने बताया कि अपने परिवार के साथ दिल्ली से वैष्णो देवी आई थीं। उन्होंने बताया कि यहां पर भूस्खलन और भारी बारिश के कारण स्थिति काफी नाजुक बन गई है। 26 अगस्त को अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन के बाद से लगातार बारिश हो रही है, जिसके कारण यात्रा पूरी तरह रोक दी गई है। तीर्थयात्रियों को चार किलोमीटर पहले ही उतार दिया गया। हालांकि, जिला प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है। नैना ने प्रशासन के यात्रा रोकने के फैसले की सराहना की, क्योंकि यह सुरक्षा के लिए जरूरी था। उन्होंने सुझाव दिया कि श्रद्धालु यात्रा से पहले मौसम विभाग की जानकारी लें, क्योंकि ट्रेन भी रद्द हो रही हैं और स्थिति नाजुक बनी हुई है।