झारखंड में चुनाव आचार संहिता लागू होने के 48 घंटे के भीतर 37 लाख के सामान और नगदी जब्त

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रांची, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। झारखंड में विधानसभा चुनाव में अवैध रकम और संसाधनों के उपयोग पर रोक के लिए अभियान तेज हो गया है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ 48 घंटे के भीतर 37 लाख रुपए मूल्य की अवैध सामग्री और नकद राशि जब्त की गई है। यह जानकारी झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय की ओर से आधिकारिक तौर पर दी गई है।

गुरुवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के गालूडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत केसरपुर चेक पोस्ट पर गाड़ियों की चेकिंग के दौरान तीन पिकअप वैन से 5 लाख 85 हजार रुपये जब्त किए गए हैं। तीनों गाड़ियां पश्चिम बंगाल की ओर से आ रही थीं। यहां चेकपोस्ट पर जांच टीम में मजिस्ट्रेट कुणाल कुमार और एएसआई जितेन्द्र कुमार शामिल थे।

इसके पहले बुधवार को हजारीबाग जिले के चौपारण थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर वाहनों की चेकिंग के दौरान एक बस पर सवार बिहार के गया जिला निवासी कमलेश कुमार शर्मा के बैग से 6 लाख 22 हजार रुपए और पश्चिम सिंहभूम जिले में कोवाली थाना क्षेत्र में झारखंड-ओड़िशा बॉर्डर पर लगे चेक पोस्ट पर पुलिस ने बाइक पर सवार दो लोगों के पास से 1 लाख 38 हजार नगद जब्त किए गए थे।

आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू रहने की अवधि में बगैर वैध दस्तावेज के 50 हजार से ज्यादा कैश लेकर चलने पर रोक है। चुनाव आयोग के निर्देश पर आयकर विभाग ने अवैध लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड में अवैध या काले धन का प्रवाह-प्रसार रोकने के लिए आयकर विभाग ने खास रणनीति तैयार की है। विभाग ने अवैध तरीके से नगदी इधर-उधर ले जाने की सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष दस्ते बनाए हैं।

रांची स्थित मुख्यालय में 24 घंटे कार्य करने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया है। दस लाख से अधिक कैश की सूचना पर क्विक रिस्पांस टीम तुरंत एक्शन मोड में रहेगी। नगदी के स्रोत एवं उसकी सत्यता की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। संबंधित व्यक्ति को बताना होगा कि राशि कहां से मिली है, कहां ले जाई जा रही है और किस मकसद से ले जाई जा रही है। स्पष्ट और वैध जानकारी नहीं मिलने पर धन जब्त कर लिया जाएगा।

राज्य के अपर आयकर निदेशक (अन्वेषण) की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि कंट्रोल रूम के टोल फ्री नंबर 18003455018 और व्हाट्सएप नंबर 9693510277 पर कोई भी व्यक्ति किसी भी वक्त अवैध या काला धन के संबंध में सूचना दे सकता है। सूचना देने वालों के नाम-पता गुप्त रखे जाएंगे।