नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। ईडी के दिल्ली जोनल कार्यालय ने रविवार को गुरुग्राम में तीन स्थानों पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी।
सीबीआई की एफआईआर में मेसर्स पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, मेसर्स पीजीएफ लिमिटेड, निर्मल सिंह भंगू और अन्य के खिलाफ आरोप लगाए गए थे।
आरोपों के अनुसार, पीएसीएल और उसके निदेशकों ने फर्जी निवेश योजनाएं चलाकर लाखों निवेशकों से धोखाधड़ी की। इन योजनाओं के माध्यम से पीएसीएल और इसके निदेशकों पर लगभग 48,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप हैं।
इस मामले में ईडी ने शुक्रवार को हरसतीनदर पाल सिंह को गिरफ्तार किया। हरसतीनदर पाल सिंह दिवंगत निर्मल सिंह भंगू का दामाद है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें विशेष अदालत ने ईडी की हिरासत में भेज दिया।
इसके अलावा, ईडी ने रविवार को बरिंदर कौर और मनोज कुमार के परिसरों पर भी तलाशी अभियान चलाया।
मनोज कुमार को हरसतीनदर पाल सिंह और बरिंदर कौर का करीबी सहयोगी माना जाता है। तलाशी के दौरान ईडी को पीएसीएल और इसके परिवार के सदस्यों से संबंधित महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले, जिनमें डिजिटल दस्तावेज और संपत्ति के दस्तावेज शामिल हैं। इस मामले में ईडी की जांच जारी है।
इसके अलावा, ईडी ने गुरुवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के मेट्टुपालयम में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के तीन पदाधिकारियों के घरों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई में एक व्यक्ति को गैरकानूनी धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह छापेमारी सुबह 9 बजे शुरू हुई और रात 9 बजे तक चली।
ईडी अधिकारियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा में यह ऑपरेशन चलाया। ईडी सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी देशभर में एसडीपीआई से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले का हिस्सा था।