लखनऊ, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत प्रदेश के छह जिलों में ‘स्पेशल एजुकेशन जोन’ विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें लखनऊ, गोरखपुर, अयोध्या, आगरा, गौतम बुद्ध नगर और बुंदेलखंड शामिल हैं।
खास बात यह है कि इन स्पेशल एजुकेशन जोन (एसईजेड) में विभिन्न एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना के जरिए जीरो से लेकर यूनिवर्सिटी तक की शिक्षा दी जाएगी। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में एसईजेड की स्थापना को लेकर बनी विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। इसके अनुसार, लखनऊ के मोहान रोड पर प्रदेश के पहले एसईजेड की स्थापना होगी। यहां 785 एकड़ क्षेत्र में एजुकेशन सिटी का विकास किया जाएगा और विभिन्न एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना होगी। इसमें से 103 एकड़ क्षेत्र में विकास प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी हो चुका है।
यह एसईजेड एक मॉडल की तरह कार्य करेगा, जिसकी तर्ज पर प्रदेश के अन्य 5 जिलों में भी एसईजेड की स्थापना होगी। इस क्रम में अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी, आगरा में आरबीएस कॉलेज तथा गौतम बुद्ध नगर में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी की अनयूज्ड लैंड पार्सल को उपयोग में लाया जाएगा।
गोरखपुर व बुंदेलखंड में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इन सभी एसईजेड में प्रत्येक में अधिकतम 8 और कुल मिलाकर 40 एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना व विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय के अभाव वाले जिले और विशेषतौर पर आकांक्षात्मक जिलों में 42 विश्वविद्यालयों व टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना हो सकेगी। इन्हें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (एनईपी) के अनुसार, बहु विषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के तौर पर विकसित किया जाएगा। वहीं, प्रदेश में एनआईआरएफ रैंकिंग वाले टॉप-50 तथा प्रख्यात विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट, पूंजीगत अनुदान समेत विभिन्न प्रकार की सहूलियतें उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध संस्थानों, पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश में उच्च शिक्षा व अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश को क्वालिटी एजुकेशन के आधुनिक हब के तौर पर विकसित करने की दिशा में नई उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को कैबिनेट की स्वीकृति मिल चुकी है। ऐसे में, अब योगी सरकार प्रदेश में ‘एक जिला एक विश्वविद्यालय’ के लक्ष्य को पूरा करने पर फोकस कर रही है।