मथुरा, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी 6 दिसंबर को है, जिसे देखते हुए मथुरा पुलिस और प्रशासन पूरी तरह हाई अलर्ट पर है। शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बुधवार को शहर के संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
मथुरा में सबसे अधिक सुरक्षा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में की जा रही है। पुलिस ने शहर के भीड़भाड़ वाले बाजारों और प्रमुख संवेदनशील स्थलों में भारी बल तैनात किया है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पूरे जिले को विभिन्न जोन और सेक्टर में बांटा गया है।
सुरक्षा के लिए आरएएफ, पीएसी और स्थानीय पुलिस के अलावा पड़ोसी जिलों से भी अतिरिक्त फोर्स बुलाया गया है। संवेदनशील स्थलों पर ड्रोन कैमरा और सीसीटीवी के माध्यम से चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है। एसएसपी श्लोक कुमार ने कहा कि फ्लैग मार्च का मकसद आम जनता में सुरक्षा का भरोसा जगाना और असामाजिक तत्वों को चेतावनी देना है।
प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति या संगठन कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। माहौल बिगाड़ने वाले पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी निगरानी तेज कर दी है और भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर बैरियर लगाकर आवाजाही नियंत्रित की जा रही है और संदिग्धों से गहन पूछताछ की जा रही है।
हर साल विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी पर पूरे उत्तर प्रदेश को अलर्ट पर रखा जाता है। खासतौर पर अयोध्या और मथुरा में पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात रहती है। इस बार भी उत्तर प्रदेश की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है।
6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा को ध्वस्त किया गया था। इसके लिए देशभर से लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे।
अयोध्या और मथुरा के साथ ही संभल में भी प्रशासन अलर्ट है। संभल जिला एसपी कृष्णा कुमार बिश्नोई ने 6 दिसंबर को लेकर जिले में अलर्ट जारी किया। उनका कहना है कि 6 दिसंबर को लेकर संभल जिला पूरी तरह तैयार है। आरएएफ की एक कंपनी, पीएसी की 9 कंपनियां और अतिरिक्त आरआरएफ कर्मियों को तैनात किया गया है।

