सुकमा, 11 जनवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ की सुकमा पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। 2 महिलाओं समेत 9 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन नक्सलियों के खिलाफ कुल 43 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। यह समर्पण नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों और कैंपों के सकारात्मक परिणाम के रूप में सामने आया है।
समर्पण करने वालों में एक डीवीसीएम, 4 एसीएम और 4 अन्य पार्टी सदस्य शामिल हैं। इन सभी पर विभिन्न नक्सली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। सुरक्षा बलों ने इनके खिलाफ व्यापक अभियान चला रखा था। इन नक्सलियों पर कुल मिलाकर 43 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। इनमें से 2 नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपये, 4 नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपये, एक नक्सली पर 3 लाख रुपये और दो अन्य नक्सलियों पर 2-2 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
बुरकापाल, चिंतागुफा, मिनपा समेत आधा दर्जन बड़े नक्सली हमलों में इनका हाथ था। इन हमलों में सुरक्षाबलों और नागरिकों की जान जा चुकी थी, इनकी गिरफ्तारी से इलाके में शांति आने की उम्मीद है। इन नक्सलियों के समर्पण के पीछे सुरक्षाबलों द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में खोले गए कैंप और नियद नेल्ला नार योजना का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
यह योजना नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित कर रही है। नक्सली अब यह समझने लगे हैं कि इस समर्पण के बाद उन्हें सरकार से पुनर्वास, शिक्षा, और रोजगार के अवसर मिल सकते हैं, जो उनके लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में माओवाद से प्रभावित इलाकों में नागरिकों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई नियद नेल्ला नार योजना से लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर जिले में स्थापित सुरक्षा कैम्पों के आसपास के पांच किलोमीटर की परिधि में ग्रामीणों को राज्य और केन्द्र शासन द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है।