दिल्ली न्याय यात्रा का लक्ष्य खुशहाली: अभिषेक दत्त

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नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अभिषेक दत्त ने शुक्रवार से शुरू हो रही दिल्ली न्याय यात्रा को जन-जन से जुड़ने का प्रयास बताया। उन्होंने दिल्ली प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा और दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस खुशहाली वापस लेकर आएगी।

अभिषेक दत्त ने आईएएनएस को बताया, “राहुल गांधी ने जिस तरीके से पहले ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और फिर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के साथ पूरे देश का भ्रमण किया और पूरे देश की समस्याओं को जमीन पर जाकर देखा। अलग-अलग लोगों से मुलाकात की। उन्होंने किसानों, दलितों, गरीबों, युवाओं और माता-बहनों से मुलाकात की, सबकी परेशानियों को जाना। उसी का नतीजा रहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में लोगों ने कांग्रेस को बढ़-चढ़ कर अपना समर्थन दिया। जो पार्टी 400 पार का नारा देती थी, वो अकेले दम पर सरकार भी नहीं बना पाई।”

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से प्रेरणा लेकर दिल्ली के अंदर शुक्रवार से ‘दिल्ली न्याय यात्रा’ की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस यात्रा को लेकर दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ता बहुत ज्यादा उत्साहित हैं। इस यात्रा के जरिए हम 70 विधानसभाओं में जाएंगे और लोगों से मिलकर उनकी परेशानियों को जानने की कोशिश करेंगे और यहां के लोगों के लिए एक बड़ा मेनिफेस्टो लेकर आएंगे।

उन्होंने आगे कहा कि शीला दीक्षित के समय में जो दिल्ली थी। यहां पर हरियाली और खुशहाली थी। प्रदूषण नहीं था, लोग यमुना नदी के तट पर जाकर छठ पूजा मनाते थे। महिलाओं के लिए बस और युवाओं के लिए रोजगार था। सभी लोग खुश थे, इसी खुशहाल दिल्ली को वापस लाने के लिए हम यात्रा निकाल रहे हैं।

दिल्ली के यमुना नदी में स्नान करना जानलेवा है, इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने यहां पर लोगों के स्नान करने पर रोक लगाया है। इसको लेकर कांग्रेस नेता ने दिल्ली हाईकोर्ट को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आज सिर्फ यमुना ही नहीं बल्कि यहां की हवा भी प्रदूषित हो गई है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है।

उन्होंने आगे कहा कि पिछले 10 सालों में भाजपा और आम आदमी पार्टी सांसदों की तनख्वाह बढ़ी। लेकिन यहां की मूलभूत सुविधा के लिए दोनों पार्टियों ने काम नहीं किया। केजरीवाल हर साल यमुना की सफाई का वादा करते थे। उसी तरह केंद्र सरकार भी यमुना के नाम पर करोड़ों रुपए का फंड बेचती है। ऐसे में हाईकोर्ट को इसकी जांच करनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।