अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री का निर्वाचन

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नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर प्रो. (डॉ.) राजशरण शाही (उत्तर प्रदेश) पुन निर्वाचित तथा राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर डॉ. वीरेन्द्र सिंह सोलंकी (मध्य प्रदेश) नवनिर्वाचित हुए।

निर्वाचन प्रक्रिया के चुनाव अधिकारी प्रशांत साठे ने निर्वाचन परिणामों को घोषित करते हुए बताया है कि दोनों पदाधिकारी, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 22, 23 तथा 24 नवंबर को आयोजित होने जा रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में अपना कार्यभार संभालेंगे।

प्रो. (डॉ.) राजशरण शाही मूलत: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से हैं। उनकी शिक्षा शिक्षाशास्त्र विषय में पीएचडी तक हुई है। वर्तमान में वह बाबासाहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में शिक्षाशास्त्र विभाग में आचार्य एवं विभागाध्यक्ष, साथ ही शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अभी तक छह पुस्तकों का लेखन व संपादन किया है। विद्यार्थी परिषद के मुताबिक उनके 112 से अधिक शोधपत्र एवं लेख राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं एवं संगोष्ठियों में प्रस्तुत किए जा चुके हैं।

उन्हें 2017 में श्रेष्ठतम शिक्षक का योगीराज बाबा गंभीर नाथ स्वर्ण पदक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया। उत्तर प्रदेश की विभिन्न शैक्षिक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन संबंधी महत्वपूर्ण समितियों के वह सदस्य भी हैं। शिक्षा व सामाजिक विषयों के गहन चिंतक व उत्तर प्रदेश में संगठन कार्य को आगे बढ़ाने में उनकी महती भूमिका रही है। वह 1989 में विद्यार्थी जीवन से अभाविप के संपर्क में हैं। शिक्षक के रूप में वह अब तक गोरखपुर महानगर अध्यक्ष से लेकर गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आदि दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। वर्तमान में भी वह अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

वहीं, डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी मूलत: मध्य प्रदेश के देवास ज़िला अंतर्गत उदयनगर से हैं। उनकी शिक्षा श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, इंदौर से एमबीबीएस तक हुई है। विद्यार्थी परिषद के मुताबिक वह शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, इंदौर में एलोपैथी चिकित्सक के रूप में अल्पकालिक सेवा में कार्य कर रहे हैं। वर्तमान सत्र में वह नीट पीजी के अभ्यर्थी भी हैं। वह वर्ष 2014 से परिषद के संपर्क में हैं। उन्होंने अभाविप के एलोपैथी विद्यार्थी कार्य ‘मेडीविजन’ के माध्यम से आयुर्विज्ञान एवं दंत चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों में राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदान कर विभिन्न मुद्दों के नियोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।