पटना, 9 नवंबर (आईएएनएस)। राजद के नेता और बिहार के पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने शनिवार को भाजपा के द्वारा दिए गए नारा ‘बंटोगे तो कटोगे’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी जो अपनी परंपरा है और जिस विचार में वह आस्था रखते हैं, उसका नेतृत्व कर रहे हैं, उसका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
राजद के प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि अमूमन कभी ऐसा नहीं देखा गया कि कोई व्यक्ति सरकार में आए, वह काटने का, बांटने का घृणा का, द्वेष का, नफरत की बात करे। सरकार में जब कोई व्यक्ति आता है और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बनता है, तो उसकी दृष्टि सबके लिए बराबर की होती है और हमारा संविधान भी यही कहता है।
उन्होंने कहा, ” हमारे संविधान के चार मजबूत स्तंभ हैं। हमारा देश डेमोक्रेटिक, सेकुलर और सोशलिस्ट होगा। प्रधानमंत्री, मंत्री और एमएलए संविधान की रक्षा की शपथ लेते हैं। अगर वही नफरत व घृणा की बात करते हाें, द्वेष की बात करते हों और समाज में अव्यवस्था की बात करते होंं, तो उसको क्या कहा जाए।”
उन्होंने कहा कि उनकी संविधान में आस्था ही नहीं है। अगर आस्था रहती, तो उसके प्रतिकूल आचरण नहीं करते। सिद्दीकी ने कहा कि उन्माद थोड़े दिन के लिए बुलबुले की तरह होता है। लेकिन, इस देश के जनता की यही लालसा है कि यह देश मजबूत बने और हम सुपर पावर बनें। लेकिन, जिन लोगों का आजादी की लड़ाई में शहीद होने का इतिहास नहीं, वह आज देशभक्ति का फर्जी प्रमाण पत्र बांट रहे हैं। उनके फर्जी प्रमाण पत्र पर हम क्या प्रतिक्रिया दें।
प्रधानमंत्री के बिहार दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि पहले तो वह कह रहे थे कि दरभंगा में एम्स की जगह उचित नहीं है। राजद के लोगों ने धरना दिया प्रदर्शन किया, आंदोलन किया तब उन्हें लगा कि इस जगह पर ही एम्स बनना चाहिए। अब इतने दिन से सोए हुए थे और अब कह रहे हैं कि वहीं सही है। उन्होंने कहा कि ये लोग नैतिकता ही छोड़ दिए हैं।