भुवनेश्वर, 26 नवंबर (आईएएनएस)। भाजपा विधायक इरासिस आचार्य ने वरिष्ठ बीजद नेता रणेंद्र प्रताप स्वैन के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने हाल के संदर्भों में संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्दों को हटा दिए जाने को लेकर भाजपा पर निशाना साधा था।
इरासिस आचार्य ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “किसी ऐसी बात को मुद्दा बनाना जो मुद्दा नहीं है और उसका इस्तेमाल विधानसभा में व्यवधान पैदा करने के लिए करना विपक्ष की नियमित रणनीति रही है। वे संसदीय प्रक्रियाओं और सदन की भावना के विपरीत काम कर रहे हैं।”
भाजपा विधायक ने आगे स्पष्ट किया, “हम ‘सोशलिस्ट’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों का सम्मान करते हैं, जिन्हें 1976 में संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया था। इस मामले को दो वर्ष पहले चुनौती दी गई थी और सुप्रीम कोर्ट ने इन शब्दों को यथावत रखने का आदेश दिया। इस पर कोई बहस नहीं हुई, कोई विरोध नहीं हुआ और भाजपा या केंद्र सरकार की ओर से कोई बयान भी नहीं आया। आरोप निराधार और असंबद्ध हैं।”
आज संविधान दिवस है। 26 नवंबर को हम संविधान दिवस मनाते हैं। संविधान के मूल स्वरूप का हम सम्मान करते हैं। आज ओडिशा विधानसभा में सबसे अच्छी डिबेट होती। लोगों के हित की बात आज विधानसभा में रखी जाती। आज विरोधी मुद्दा उठाते कि सरकार ने क्या-क्या नहीं किया है और क्या-क्या करना चाहिए। उसके ऊपर कानून बनता। आज विधानसभा को बंद करने का दिन नहीं था।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा संविधान का विरोध कांग्रेस ने किया। इंदिरा गांधी जी ने देश में इमरजेंसी लगाई। संविधान के मूल विषय को कांग्रेस ने बाधित किया। उन्होंने विपक्ष से सदन चलने देने का आग्रह किया।