‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए संसद और विधानसभा को भंग किया जाए : नसीम खान

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मुंबई, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीम खान ने गुरुवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने ईवीएम विवाद, ‘एक देश, एक चुनाव’ प्रस्ताव, कांग्रेस की चुनावी रणनीति, महाराष्ट्र सरकार के गठन में हो रही देरी समेत कई मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की।

‘एक देश, एक चुनाव’ पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अगर सरकार सच में एक साथ चुनाव कराना चाहती है, तो उसे संसद और सभी राज्य विधानसभाओं को तुरंत भंग कर देना चाहिए। इसके बाद, पूरे देश में एक साथ चुनाव कराया जाए और यह चुनाव बैलट पेपर पर होना चाहिए। ईवीएम को लेकर उठे विवाद पर नसीम खान ने कहा कि हमारा यह मानना है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए। यदि ईवीएम पर सवाल उठते हैं, तो उसकी जांच होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि चुनाव बैलट पेपर के माध्यम से हो ताकि जनता का विश्वास चुनावी प्रक्रिया में बना रहे। उन्होंने यह भी कहा कि पांच प्रतिशत वीवीपैट की गिनती से चुनाव परिणामों की पूरी विश्वसनीयता सुनिश्चित नहीं हो सकती है, और पूरी गिनती की जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस नेता नसीम खान ने शिवसेना (यूबीटी) की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस आगामी चुनावों में अत्यधिक आत्मविश्वासी है। उन्होंने कहा कि चुनाव में आत्मविश्वास होना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि हम अपनी चुनावी रणनीतियों का गहन विश्लेषण कर रहे हैं। हम यह देख रहे हैं कि कहीं हमने चुनावी प्रक्रिया, कैम्पेन, या समन्वय में कोई कमी तो नहीं छोड़ी। कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से चुनाव प्रचार किया था, लेकिन हार के बाद स्वाभाविक है कि सवाल उठेंगे और हमें भी अपने प्रयासों का आकलन करना चाहिए।

महाराष्ट्र के परभणी जिले में हुई हिंसक घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि यह घटना पूरी तरह से गलत है और मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमारे संविधान और बाबासाहेब अंबेडकर के आदर्शों के खिलाफ ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। सरकार को इसकी तह तक जाना चाहिए और यह जांच करनी चाहिए कि इसके पीछे कौन लोग हैं जो समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र हमेशा से प्रगतिशील राज्य रहा है, और हम चाहते हैं कि राज्य में शांति बनी रहे।

महाराष्ट्र में महायुति सरकार के मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह उनका अंदरूनी मामला है, लेकिन हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द गठित होगी ताकि राज्य के मुद्दों का समाधान किया जा सके। विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक हजार रुपये की योजना, किसानों के मुद्दे, और कानून-व्यवस्था की स्थिति को तत्काल सुलझाया जाना चाहिए।

साल 1991 के वर्शिप एक्ट पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह कानून सभी अदालतों द्वारा पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए। जब तक यह एक्ट लागू है, किसी भी धार्मिक स्थल पर बदलाव या विवाद की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।” उन्होंने न्यायपालिका से अपील की कि इस एक्ट का पालन सख्ती से किया जाए ताकि धार्मिक स्थलों के विवादों से देश का माहौल खराब न हो।

नसीम खान ने हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान पर उन्होंने कहा कि न्यायाधीश का काम निष्पक्ष और सटीक निर्णय देना होता है। यदि कोई न्यायाधीश सार्वजनिक रूप से विवादास्पद बयान देता है, तो उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए ऐसे बयान देने वाले न्यायाधीशों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

कांग्रेस की चुनावी रणनीति को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि हम अपनी चुनावी रणनीतियों का पूरी तरह से आकलन कर रहे हैं और सभी स्तरों पर सुधार के लिए कदम उठा रहे हैं। पार्टी का उद्देश्य हमेशा से लोकतंत्र की रक्षा और जनता के मुद्दों पर काम करना रहा है, और हम अपनी नीतियों के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे।